पीयूष गोयल ने कहा आइंस्टीन ने की थी गुरुत्वाकर्षण की खोज, सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल
एक तरफ देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है और दूसरी तरफ मोदी सरकार के मंत्री इससे बाहर निकलने के बजाय अजीबोगरीब बयान देते जा रहे हैं। पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाहनों की बिक्री में आई गिरावट के लिए युवाओं की ओला-उबर प्रयोग करने की आदत को बताया। अब वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि गणित में जाने का कोई फायदा नहीं और इस गणित ने गुरुत्वाकर्षण की खोज करने में "आइंस्टीन" की मदद नहीं की।
गोयल ने क्या बोला?
आर्थिक मंदी पर मीडिया से बात करते हुए गोयल ने ये बात कही। उन्होंने कहा, "आपको टीवी पर दिखाए जाने वाली उस गणना में नहीं जाना चाहिए कि पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने के लिए देश को 12 प्रतिशत की दर से विकास करने की जरूरत है...। गणित ने आइंस्टीन को गुरुत्वाकर्षण की खोज करने में मदद नहीं की। अगर फॉर्मूलों और पुराने ज्ञान के हिसाब से चलते तो इस दुनिया में कोई खोज नहीं होती।"
सुनें गोयल ने क्या बोला
आइंस्टीन ने नहीं न्यूटन ने की थी गुरुत्वाकर्षण के नियमों की खोज
गोयल अपने बयान में एक चूक कर गए। गुरुत्वाकर्षण के नियमों की खोज अल्बर्ट आइंस्टीन ने नहीं बल्कि न्यूटन ने की थी। आइंस्टीन ने रिलेटिवटी के सिद्धांत (E= MC2) दिया था। गोयल की इस गलती के लिए सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है। एक यूजर्स ने लिखा है कि गोयल के बयान को सही ठहराने के लिए योगी आदित्यनाथ को जल्दी से आइंस्टीन का नाम बदलकर न्यूटन रख देना चाहिए।
लोग जमकर ले रहे गोयल के मजे
"कब्र में आइंस्टीन को वीडियो दिखा रहे न्यूटन"
सीतारमण ने कारों की बिक्री में कमी के लिए युवाओं को ठहराया था जिम्मेदार
गोयल से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी अर्थव्यवस्था की गिरती हालत पर ऐसा बयान दे चुकी है, जिससे के लिए उनकी खूब आलोचना हुई थी। सीतारमण ने ऑटो सेक्टर के संकट और वाहनों की बिक्री में कमी के लिए युवाओं को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था, "युवा लोन पर गाड़ी खरीदने और उसकी किश्ते चुकाने की बजाय ओला-उबर जैसी टैक्सी सेवाओं को पसंद करते हैं।" इस बयान के लिए उन्हें खूब ट्रोल किया गया था।
आर्थिक मंदी से जूझ रहा है देश, ऑटो सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर
बता दें कि भारत की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है और अप्रैल-जून तिमाही में विकास दर मात्र पांच प्रतिशत रही। मंदी का सबसे ज्यादा असर ऑटो सेक्टर पर देखने को मिला है और अप्रैल के बाद से 3.5 लाख से अधिक लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। अगस्त में वाहनों की बिक्री में लगातार दसवें महीने गिरावट देखी गई। पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में 31.57 प्रतिशत और कारों की बिक्री में 41.09 प्रतिशत की गिरावट आई है।