सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया क्यों गड्ढे में जा रही अर्थव्यवस्था, चापलूसों से घिरे हैं प्रधानमंत्री मोदी
क्या है खबर?
भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी एक किताब में देश की अर्थव्यवस्था को लेकर ऐसी बातें कही हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधियों को बेहद पसंद आएंगी।
अपनी नई किताब में स्वामी ने कहा है कि अकादमिक पृष्ठभूमि की कमी के कारण प्रधानमंत्री मोदी अर्थव्यवस्था के मामलों में अपने दोस्तों और जड़हीन मंत्रियों पर निर्भर हैं जो उन्हें कभी सच्चाई नहीं बताते।
उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की टीम में चापलूसों की भरमार है।
जानकारी
'रिसेट: रिगेनिंग इंडियाज इकॉनोंमिक लेगेसी' नाम से आने वाली है स्वामी की किताब
स्वामी ने अपनी नई किताब 'रिसेट: रिगेनिंग इंडियाज इकॉनोंमिक लेगेसी' में ये बातें कहीं हैं। ये किताब 30 सितंबर को लॉन्च होगी और इसका कुछ हिस्सा 'द क्विंट' वेबसाइट पर छपा है। इसमें स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी की टीम पर सवाल उठाए हैं।
तुलना
स्वामी ने लिखा, मनमोहन सिंह के बिल्कुल विपरीत हैं मोदी
अरुण जेटली के कट्टर आलोचक रहे स्वामी ने लिखा है, "नरेंद्र मोदी अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह के ठीक विपरीत हैं।"
"माइक्रो इकॉनोमिक्स से तो वह परिचित हैं लेकिन मैक्रो इकॉनोमिक्स की पेचीदगियों की उन्हें जानकारी नहीं है... अकादमिक पृष्ठभूमि की इसी कमी के कारण वह अपने दोस्तों पर निर्भर हैं और जड़हीन मंत्रियों को चुना है जो उन्हें अर्थव्यवस्था के बारे में कभी भी कड़वा सच नहीं बताते और न ही मैक्रो इकॉनोमिक्स के बारे में कुछ समझाते हैं।"
नोटबंदी
नोटबंदी और GST पर भी खड़े किए सवाल
स्वामी ने अपनी किताब में लिखा है कि ऐसे दोस्तों और मंत्रियों के कारण ही हमें नोटबंदी जैसा मूर्खतापूर्ण फैसला और GST पर गलत कार्यान्वयन देखने को मिले।
स्वामी का कहना है कि ऐसे फैसलों की वजह से ही अर्थव्यवस्था में अस्थिरता बढ़ी।
अर्थव्यवस्था में मंदी के लिए 2008 से विदेश निवेश के प्रति "लगाव" को जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा है कि देश अभी कठिन परिस्थितियों में है क्योंकि उनकी चेतावनियों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
आलोचना
"मोटी सैलरी पाने वाले अर्थशास्त्री हैं डरपोक"
स्वामी ने अपने किताब में प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक सलाहकारों पर भी निशाना साधा है।
उन्होंने लिखा है, "मोटी सैलरी पाने वाले अर्थशास्त्री भी डरपोक हैं और प्रधानमंत्री मोदी को वही बातें बताते हैं जो वह सुनना चाहते हैं। ये देश को अंधेरे में रखने वाली भयावह स्थिति है।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को एक ऐसी अनुभवी टीम की जरूरत है जो IMF और विश्व बैंक जैसे संस्थानों पर निर्भर न होकर भारतीय प्रकृति के हिसाब से काम करें।
योग्यता
खुद अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ माने जाते हैं स्वामी
स्वामी ने लिखा है कि अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में खराब प्रदर्शन के कारण ही भाजपा को 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार में राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जाना पड़ा और विकास को चुनावी मुद्दे के तौर पर छोड़ दिया।
बता दें कि स्वामी खुद अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं और उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में PhD की हुई है।
उन्होंने हार्वर्ड और IIT समेत कई बडे संस्थानों में अर्थशास्त्र पढाई है।