मध्य प्रदेश: भाजपा में तकरार, उमा भारती नाराज
मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता उमा भारती पार्टी की जन आशीर्वाद यात्रा में आमंत्रित नहीं किए जाने के बाद से ही नाराज दिख रही हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनकी उपस्थिति से पार्टी में कई नेता घबरा रहे हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया से बहुत पहले उन्होंने राज्य में भाजपा सरकार बनाने में मदद की थी।
उमा ने क्या कहा था?
उमा भारती ने जन आशीर्वाद यात्रा के लिए निमंत्रण न भेजे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मुझे कहीं भी आमंत्रित नहीं किया गया है। यह मेरे लिए कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन मैंने यहां 2020 में सरकार बनाने में मदद की थी।" उन्होंने कहा, "जब 28 सीटों पर चुनाव हुए थे तो मैंने जमकर प्रचार किया था और अब आशीर्वाद यात्रा शुरू हुई तो मुझे दोबारा नहीं बुलाया गया क्योंकि उन्हें लगता है कि वे सरकार बना लेंगे।"
भाजपा ने उमा के बयान पर क्या कहा?
उमा की नाराजगी के बाद भाजपा ने उन्हें मनाने की कोशिश की है। प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, ''उमा भारती प्रदेश की बड़ी नेता हैं। वह एक पूर्व मुख्यमंत्री हैं और उनका अनुभव और मार्गदर्शन वास्तव में पार्टी की मदद करेगा। हम उन्हें जन आशीर्वाद यात्राओं में आमंत्रित करेंगे और उनका मार्गदर्शन लेंगे।" हालांकि, उमा ने कहा कि वह जन आशीर्वाद यात्राओं या इनके समापन में शामिल नहीं होंगी।
कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना
कांग्रेस ने उमा के बयानों के जरिए भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "भाजपा अपने सभी वरिष्ठ नेताओं का अपमान करती है। लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को भी किनारे कर दिया था। हमारी संस्कृति में जो बड़ों का सम्मान नहीं करता, उसे भगवान भी माफ नहीं करता।" इस पर उमा ने ट्वीट कर कहा, 'सुरजेवाला जी, आप मेरे एवं मेरी पार्टी के बीच में मत आइए, अपना घर संभालिए।'
अपनी पुरानी जगह हासिल करना चाहती हैं उमा
उमा मध्य प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में अपनी जगह फिर से हासिल करने का प्रयास कर रही हैं। बतौर रिपोर्ट्स, उमा ने हाल ही में भाजपा आलाकमान को एक सूची भेजी थी, जिसमें उन्होंने अपने 19 करीबी सहयोगियों को विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित करने की मांग की है। हालांकि, मध्य प्रदेश भाजपा के नेताओं को उमा का यह कदम ठीक नहीं लगा। इसके बाद से कयास लग रहे हैं कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है।
न्यूजबाइट्स प्लस
उमा भारती 2003 से 2004 तक मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। वह भोपाल और झांसी की सांसद भी रही हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के पहले कार्यकाल में जल संसाधन मंत्री रही थीं। इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मंत्री बनने से मना कर दिया था। कद्दावर नेता की छवि रखने वालीं उमा कई मौकों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर निशाना साध चुकी हैं।