राजस्थान: सरकार ने सभी विधायकों को गिफ्ट किया आईफोन 13, भाजपा का लौटाने का ऐलान
बुधवार को राज्य विधानसभा में बजट पेश होने के बाद राजस्थान सरकार ने सभी 200 विधायकों को आईफोन 13 गिफ्ट के तौर पर दिया। ज्यादातर विधायक इस गिफ्ट को पाकर खुश हुए, लेकिन भाजपा ने ये फोन स्वीकार करने से इनकार कर दिया है और पार्टी के सभी विधायक अपने आईफोन लौटा देंगे। राजस्थान सरकार ने पिछले साल भी बजट की कॉपी के साथ सभी विधायकों को आईपैड्स गिफ्ट किए थे।
चमड़े के ब्रीफकेस में बजट की कॉपी के साथ दिए गए आईफोन
आम तौर पर जब बजट पेश किया जाता है तो इसके बाद विधायकों को एक ब्रीफकेस में बजट की कॉपी दी जाती है। लेकिन इस बार जब राजस्थान के विधायक बजट के बाद सदन से जा रहे थे तो उन्हें चमड़े के एक छोटे ब्रीफकेस में बजट की कॉपी के साथ-साथ आईफोन 13 दिया गया। इस एक फोन की कीमत 75,000 से एक लाख रुपये तक है, यानि सरकार ने विधायकों को 1.5 करोड़ रुपये से अधिक के फोन दिए।
भाजपा का सरकार पर पड़ने वाले बोझ के कारण फोन लौटाने का ऐलान
राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के विधायकों ने भी शुरू में ये आईफोन ले लिए, लेकिन अब पार्टी ने कहा है कि उसके सभी विधायक अपने फोन लौटा देंगे। राजस्थान भाजपा प्रमुख सतीश पूनिया ने कहा, ''माननीय गुलाब कटारिया जी और राजेंद्र राठौ़ड़ जी तथा अन्य विधायकों से चर्चा के बाद यह निश्चित हुआ है कि भाजपा के सभी विधायक राज्य सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय भार को दृष्टिगत रखते हुए कांग्रेस सरकार द्वारा दिये गए iPhone वापस करेंगे।'
राजस्थान सरकार के बजट में क्या-क्या पेश किया गया?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने अपने बजट में जनता को लुभाने वाले कई ऐलान किए हैं। आम आदमी पर बोझ कम करते हुए राज्य में बिजली की दरों को घटा दिया गया और सरकार सब्सिडी प्रदान करेगी। मनरेगा जैसी एक शहरी योजना का ऐलान भी किया गया है जो शहरी गरीबों को साल में 100 दिन का रोजगार प्रदान करेगी। राज्य के पर्यटन विभाग को उद्योग का दर्जा दे दिया गया है।
सरकार का पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने का ऐलान
राजस्थान सरकार ने अपने बजट में सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफा दिया और पुरानी पेंशन योजना को वापस लाने का प्रस्ताव रखा गया। नई योजना में कर्मचारियों को अपनी सैलरी का 30 प्रतिशत हिस्सा पेंशन फंड में देना पड़ता था, लेकिन गहलोत सरकार ने इसे खत्म करने का फैसला लिया है और अब पहले की तरह कुछ प्रतिशत सैलरी ही कटा करेगी। सरकार ने पहली बार किसानों के लिए अलग बजट भी पेश किया।