
लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस में टूट, पूर्व मंत्री मालवीय भाजपा में हुए शामिल
क्या है खबर?
राजस्थान से सोनिया गांधी के राज्यसभा प्रत्याशी बनने के बाद कांग्रेस में टूट के कयास सच साबित हुए हैं।
मंगलवार को दिल्ली में बागीदौरा विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
उन्हें दिल्ली भाजपा कार्यालय में राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने पार्टी की सदस्यता दिलाई है और उनके बाद कुछ अन्य विधायकों के भी भाजपा में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है।
रिपोर्ट
मालवीय ने भाजपा में शामिल होकर क्या कहा?
मालवीय ने कहा कि वह 1977 में विश्व हिंदू परिषद (VHP) से जुड़े और उसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि वह प्रधान बने और फिर प्रधान से सांसद बने और भाजपा ने उनका पूरा सहयोग किया, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें 2 बार जिला प्रमुख और 4 बार विधायक रहने के बावजूद भी मौका नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि वह वर्तमान में कांग्रेस विधायक हैं और वो भी अब नहीं रहेंगे।
ट्विटर पोस्ट
राजस्थान भाजपा ने मालवीय को दी बधाई
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं बागीदौरा से विधायक व पूर्व मंत्री श्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi के कुशल नेतृत्व एवं मोदी की गारंटी में विश्वास जताते हुए आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया।
— BJP Rajasthan (@BJP4Rajasthan) February 19, 2024
भाजपा परिवार में आपका हार्दिक स्वागत… pic.twitter.com/W2ix0zzW8Q
मालवीय
कौन हैं मालवीय?
मालवीय का जन्म बांसवाड़ा में 2 दिसंबर, 1960 में हुआ था। वह किसान परिवार से ताल्लुक रहते हैं। उन्होंने स्नातक तक शिक्षा हासिल की है। उनकी पत्नी का नाम रेशम देवी है और उनके तीन बेटे हैं।
उन्होंने संरपच से अपने सियासी करियर की शुरुआत की। वह एक बार सांसद और बागीदौरा सीट से लगातार 3 बार से विधायक हैं।
इसके अलावा वह राजस्थान कांग्रेस जिला प्रमुख समेत राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
नेता
राजस्थान कांग्रेस के अन्य नेता भी क्या भाजपा में होंगे शामिल?
मंगलवार को कई दिनों की उहापोह की स्थिति के बाद मालवीय भाजपा ने शामिल हुए, लेकिन राजस्थान कांग्रेस के अन्य नेताओं की भाजपा में शामिल होने की अभी अटकलें ही लगाई जा रही हैं।
अशोक गहलोत की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे लालचंद कटारिया, उदयलाल आंजना और राज्य मंत्री रहे राजेंद्र यादव समेत 6 विधायकों और नेताओं के कांग्रेस छोड़ने की चर्चाएं हैं।
इसके बाद से पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत और सचिन पायलट इन नेताओं की घेराबंदी में जुटे हैं।
प्लस
क्या है भाजपा की रणनीति?
बीते साल दिसंबर में राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 199 विधानसभा सीटों में से 115 सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं कांग्रेस महज 69 सीटें जीत पाई।
इस चुनाव में भाजपा को मेवाड़ वागड़ क्षेत्र में प्रत्याशित सफलता नहीं मिली। इस इलाके में मालवीय की अच्छी पैठ है और उन्हें सहारे भाजपा यहां लोकसभा चुनाव में अपनी पैठ बनाना चाहती है।
राजस्थान में कुल 25 लोकसभा सीटें हैं और इनमें से 2 सीटें मेवाड़ और वागड़ की हैं।