राहुल गांधी को उनका पुराना सरकारी बंगला भी वापस मिला, लोकसभा समिति ने किया आवंटित
लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के एक दिन बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को दिल्ली में उनका पुराना सरकारी बंगला भी वापस मिल गया है। मंगलवार को लोकसभा की आवास समिति ने राहुल को 12 तुगलक लेन स्थित उनका पुराना बंगला आवंटित कर दिया। मोदी सरनेम मामले में सजा सुनाए जाने और सांसदी रद्द होने के बाद राहुल को यह बंगला खाली करना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट के दोषसिद्धि पर रोक लगाने के बाद उन्हें ये बंगला वापस मिला है।
अप्रैल में राहुल ने खाली किया था बंगला
राहुल ने सांसदी जाने बाद अप्रैल में दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित सरकारी बंगला खाली कर दिया था। उन्हें 12 तुगलक लेन का यह बंगला साल 2004 में तब आवंटित हुआ था, जब वह पहली बार उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से सांसद चुने गए थे। इसके बाद से यह बंगला राहुल को ही आवंटित रहा। 2019 में वह अमेठी से चुनाव हार गए, लेकिन वायनाड से जीतने के कारण वह आधिकारिक तौर पर इस बंगले में रहे।
4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की दोषसिद्धि पर लगाई थी रोक
4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल को बड़ी राहत देते हुए मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में निचली कोर्ट के दोषसिद्धि और सजा के आदेश पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि राहुल के बयान गलत थे और सार्वजनिक जीवन में एक व्यक्ति को भाषण देते समय अधिक सावधान रहना चाहिए, लेकिन संसद से उनकी अयोग्यता उनको चुनने वाले मतदाताओं के अधिकारों को प्रभावित करेगी।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल हो सकते हैं राहुल
लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को ही राहुल की संसद सदस्यता बहाल करने की अधिसूचना जारी की थी। राहुल ऐसे समय पर लोकसभा में वापस आए हैं, जब विपक्षी गठबंधन INDIA सरकार के खिलाफ मणिपुर मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। विपक्षी पार्टियां लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर हिंसा मामले में सदन में बयान देने की मांग कर रही हैं। आज दोपहर से लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा जारी है और राहुल कल बोल सकते हैं।
क्या है मोदी सरेनम से जुड़ा मानहानि मामला?
राहुल ने 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली में पूछा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इस टिप्पणी को लेकर गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। मार्च में सूरत कोर्ट ने राहुल को दोषी पाते हुए 2 साल की सजा सुनाई, जिसके बाद उनकी सांसदी रद्द हो गई। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी।