कौन हैं पूर्णेश मोदी, जिनकी शिकायत पर राहुल गांधी को सुनाई गई 2 साल की सजा?
क्या है खबर?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि सूरत की कोर्ट ने उन्हें मोदी सरनेम से जुड़े एक मानहानि केस में दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें 2 साल की कैद और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
राहुल के खिलाफ मानहानि का यह केस गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी की शिकायत पर दर्ज किया गया था।
कौन हैं पूर्णेश मोदी और यह मानहानि का क्या मामला था आपको बताते हैं।
प्रोफाइल
पेशे से वकील हैं पूर्णेश मोदी
22 अक्टूबर, 1965 को पूर्णेश मोदी का जन्म गुजरात के सूरत में हुआ था और वह पेशे से वकील हैं। पूर्णेश मौजूदा समय में गुजरात की सूरत पश्चिम विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं। उन्होंने साल 2013 में इस सीट पर तत्कालीन विधायक की मौत के बाद उपचुनाव में जीत हासिल की थी।
इसके बाद साल 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार के रूप में उन्होंने जीत हासिल की।
जानकारी
पूर्णेश को 2022 में मिले 75 प्रतिशत से ज्यादा वोट
साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में सूरत पश्चिम विधानसभा सीट से पूर्णेश ने कांग्रेस उम्मीदवार इकबाल दाऊद पटेल को हारकर जीत हासिल की थी। 2022 गुजरात चुनाव में उन्होंने इस सीट पर 75 प्रतिशत से ज्यादा वोट पाकर रिकॉर्ड जीत हासिल की है।
राजनीति
पूर्णेश मोदी का राजनीति सफर
पूर्णेश ने सूरत नगर निगम से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी और साल 2000 से 2005 तक वह निगम में भाजपा के नेता थे। इसके बाद उन्हें दो बार साल 2009 और 2013 में सूरत नगर भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
पूर्णेश गुजरात सरकार स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति के सदस्य के रूप में 2016 से 2017 तक संसदीय सचिव के दायित्वों का निर्वहन भी कर चुके हैं।
स्वच्छ छवि
स्वच्छ छवि वाले नेताओं में शुमार हैं पूर्णेश
गुजरात की राजनीति में पूर्णेश लंबे समय से सक्रिय हैं और उनकी गिनती स्वच्छ छवि वाले नेताओं में होती है। पूर्णेश पर एक भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है।
सूरत पश्चिम विधानसभा से पूर्णेश लगातार तीन बार विधायक चुने गए हैं और वह मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की पिछली सरकार में लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। पूर्णेश की गिनती सांगठनिक रूप से तेजतर्रार नेताओं में होती है।
मामला
क्या है मानहानि का मामला?
दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 11 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार में राहुल एक रैली को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में कहा था, "नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी... ऐसा कैसे हैं कि इन सभी का सरनेम मोदी है? सभी चोरों को सरनेम मोदी क्यों होता है?"
राहुल के इस बयान के खिलाफ 13 अप्रैल, 2019 को भाजपा विधायक पूर्णेश ने मानहानि का केस दर्ज करवाया था।
शिकायत
पूर्णेश ने क्या आपत्ति जताई थी?
भाजपा विधायक पूर्णेश ने राहुल की जनसभा में मोदी सरनेम पर की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी।
पूर्णेश ने मानहानि के मुकदमे में कहा था, "राहुल ने अपनी टिप्पणी के जरिये पूरे मोदी समाज को चोर कहा था और इससे उनके समाज से जुड़े सभी लोगों की भावनाएं को ठेस पहुंची है। राहुल ने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया है।"
उन्होंने कोर्ट से राहुल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।
दोषी
राहुल को कोर्ट ने किन धाराओं के तहत दोषी पाया है?
कोर्ट ने राहुल को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 और 500 के तहत दोषी पाया है। धारा 499 में मानहानि के प्रावधानों का जिक्र है, वहीं धारा 500 में मानहानि के लिए सजा का प्रावधान है।
मानहानि का दोषी साबित होने पर धारा 500 के तहत अधिकतम 2 साल की सजा, जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है। राहुल को इसी धारा के तहत 2 साल की सजा और जुर्माने की सजा सुनाई गई है।