Page Loader
पंजाब: विधानसभा स्पीकर की अनूठी पहल, पराली जलाना बंद करने पर देंगे 1 लाख रुपये
पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण एक बड़ी समस्या है

पंजाब: विधानसभा स्पीकर की अनूठी पहल, पराली जलाना बंद करने पर देंगे 1 लाख रुपये

Oct 23, 2022
07:35 pm

क्या है खबर?

किसानों को पराली जलाने से हतोत्साहित करने के लिए पंजाब विधानसभा के स्पीकर और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता कुलतार सिंह संधवान ने अनूठा तरीका अपनाया है। उन्होंने ऐलान किया है कि जिस ग्राम पंचायत के किसान पराली जलाना छोड़ देंगे, उस ग्राम पंचायत को वह एक लाख रुपये देंगे। आज जारी किए गए अपने बयान में उन्होंने कहा कि यह पैसा उनके विवेकाधीन कोटे से दिया जाएगा।

बयान

पंजाब के लोग प्रकृति से सबसे अधिक प्रेम करते हैं- संधवान

कोटकपुरा विधानसभा सीट से AAP विधायक संधवान ने कहा, "पराली जलाने से पर्यावरण पर हानिकारक असर पड़ता है और इससे जमीन भी कम उपजाऊ हो जाती है। गुरबानी के मुताबिक पंजाब के लोग प्रकृति से सबसे अधिक प्रेम करते हैं... लोगों को जैसे-जैसे पराली जलाने के नकारात्मक प्रभाव पता चल रहे हैं, वैसे-वैसे वो पराली जलाना छोड़ रहे हैं। वह दिन दूर नहीं है जब राज्य के लोग ऐसा करना पूरी तरह से बंद कर देंगे।"

सम्मान

संधवान ने पिछले हफ्ते सम्मानित किए थे दर्जनों किसान

संधवान ने अपने बयान में बताया कि उन्होंने पिछले हफ्ते पराली जलाना छोड़ने वाले किसानों को सम्मानित किया था। उन्होंने कहा, "ये अपनी तरह की अनूठी पहल थी। इस समारोह में फरीदकोट के 18 किसानों, मोगा के 13 किसानों, संगरूर के 10 किसानों, रूपनगर के एक किसान, गुरदासपुर के 10 किसानों और लुधियाना और बरनाला के सात-सात किसानों को सम्मानित किया गया।" उन्होंने किसानों से पर्यावरण के बचाव के लिए अधिक पेड़ लगाने की अपील भी की।

समस्या

उत्तरी राज्यों में पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण बड़ी समस्या

बता दें कि पंजाब समेत तमाम उत्तरी राज्यों में पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। धान की कटाई के बाद पराली की समस्या पैदा होती है और किसानों के पास इसे ठिकाने लगाने का कोई और तरीका नहीं होता है तो वो इसमें आग लगा देते हैं। इससे बड़े पैमाने पर प्रदूषण होता है और देश की राजधानी दिल्ली में तो प्रदूषण के कारण कोहरे जैसी धुंध छा जाती है।

समाधान

पराली से निपटने के लिए आजमाई जा रही बायो-डिकंपोजर तकनीक

इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र और राज्यों की सरकारों तरह-तरह के तरीके आजमा रहे हैं। बायो-डिकंपोजर की नई तकनीक इसमें सबसे प्रमुख है, जिसके छिड़काव से पराली गल जाती है और किसानों को उसे जलाना नहीं पड़ता। इसके लिए केंद्र सरकार भी राज्यों को आर्थिक मदद प्रदान कर रही है। हालांकि किसानों की डिकंपोजर तक कम पहुंच के कारण इसका असर धीरे-धीरे हो रहा है। पंजाब में खासतौर पर पराली जलाने में कमी नहीं आई है।