जानिए क्यों उठ रहे हैं लोकसभा चुनाव में रमजान के दौरान मतदान पर सवाल
चुनाव आयोग ने रविवार को 2019 लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित कर दी। चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई के बीच 7 चरणों में होगा और परिणाम 23 मई को घोषित किया जाएगा। इस बीच विपक्ष की कुछ पार्टियों ने रमजान के दौरान मतदान होने पर सवाल उठाने खड़े कर दिए हैं। कुल 543 लोकसभा सीटों में से 169 सीटों पर रमजान के दौरान मतदान होना है। आइए जानते हैं कि यह पूरा विवाद क्या है।
यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल की अधिकांश सीटों पर रमजान के दौरान मतदान
दरअसल, मुस्लिम समुदाय का पवित्र महीना रमजान 5 मई से शुरु हो रहा है और इस दौरान 6 मई, 12 मई और 19 मई को अंतिम तीन चरणों का मतदान होना है। परिणाम के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल की अधिकतर सीटों पर इसी दौरान मतदान होना है। यूपी की 41 सीटों, पश्चिम बंगाल की 24 सीटों पर और बिहार की 21 सीटों पर रमजान के दौरान मतदान होना है।
इसलिए उठ रहे हैं सवाल
बेहद महत्वपूर्ण इन तीनों राज्यों में मुस्लिम वोटों की अच्छी-खासी संख्या है और वह परिणाम पर असर डालने की ताकत रखते हैं। यूपी में 20 प्रतिशत, बिहार में 17 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 27 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। विपक्ष के लिए यह वोट महत्वपूर्ण हैं और यही कारण है कि वह रमजान के दौरान मतदान को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उन्हें आशंका है कि उपवास के कारण मतदान देने वाले मुस्लिमों की संख्या में कमी आ सकती है।
तृणमूल कांग्रेस के नेता ने उठाए सवाल
रमजान के दौरान मतदान पर सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता के मेयर फरहाद हकीम ने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि लोगों को रमजान के दौरान वोट डालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने आगे कहा, "चुनाव आयोग ने रमजान के दौरान मतदान की तारीख इसलिए रखी है ताकि मुस्लिम अपना वोट न डाल पाएं। मैं भाजपा को कहना चाहता हूं कि बंगाल के लोग ममता बनर्जी के साथ हैं।"
AAP विधायक ने भी उठाए सवाल
दिल्ली से AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने भी रमजान के दौरान मतदान पर सवाल उठाए। उनका मानना है कि इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा। उन्होंने ट्वीट किया, "12 मई का दिन होगा, दिल्ली में रमज़ान होगा, मुसलमान वोट कम करेगा, इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा।" इस्लामिक स्कॉलर और लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी कहा कि चुनाव आयोग को देश के मुसलमानों का ख्याल रखते हुए चुनाव कार्यक्रम तय करना चाहिए था।
AAP विधायक ने कहा, सीधे भाजपा को होगा फायदा
ओवैसी ने बताया बेवजह का विवाद
वहीं AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस पूरे विवाद को बकवास बताया। उन्होंने कहा, "कुछ लोग बेवजह विवाद पैदा कर रहे हैं चुनाव एक बड़ी प्रक्रिया है, ये लोग मुस्लिमों को नहीं समझते हैं। एक मुसलमान होने के नाते मैं रमजान में चुनाव तारीखों का स्वागत करता हूं। हम रमजान में रोजा रखेंगे और वोट डालेंगे।" बता दें कि 2018 में पश्चिम यूपी में रमजान के दौरान हुए उपचुनाव में मुस्लिमों ने बड़ी संख्या में वोट डाले थे।