मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर लखनऊ में हुई पार्टी की अहम बैठक में मायावती ने यह ऐलान किया। बता दें कि पिछले काफी समय से आनंद को बसपा की कमान सौंपे जाने के कयास लगाए जा रहे थे और अब इन कयासों पर आधिकारिक मुहर लग गई है। आकाश फिलहाल पार्टी के नेशनल कॉर्डिनेटर हैं।
लंबे समय से चल रहा था आनंद के नाम पर कयास
लंदन से अपनी उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद आनंद ने 2017 में राजनीति में कदम रखा था, जब वह सहारनपुर में मायावती के साथ मंच पर नजर आए। उत्तर प्रदेश विधानसभा और 2019 लोकसभा चुनाव में मिली असफलता के बाद मायावती ने उन्हें आगे बढ़ाना शुरू किया और कई चुनावी राज्यों का प्रभार सौंपा। इसी साल अगस्त में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें मायावती को आनंद के कंधे पर हाथ रखे देखा गया था।
2024 की तैयारी में जुटी बसपा
रविवार को हुई बैठक में शामिल बसपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। मायावती ने सभी नेताओं से अपने क्षेत्रों में जाकर काम पर लगने को कहा है। सिंह ने कहा कि जिन राज्यों में बसपा कमजोर है, वहां अब आकाश आनंद मुख्य भूमिका निभाएंगे। बता दें कि परिवारवाद की मुखर आलोचक रहीं मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को 2019 में पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया था।
कौन हैं आकाश आनंद?
28 वर्षीय आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। मायावती ने 2017 में अपने भाई और भतीजे को एक ही मंच से कार्यकर्ताओं से मिलाया था। धीरे-धीरे पार्टी में उनकी सक्रियता बढ़ती गई और वो कई बार अहम मंचों पर नजर आए। लंदन जाने से पहले आनंद ने दिल्ली से अपनी पढ़ाई की थी। उनकी शादी पूर्व बसपा सांसद डॉ अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ प्रज्ञा से हुई है।
1984 में हुआ था बसपा का गठन
बहुजन समाज को केंद्र में रख राजनीति करने वाली बसपा की स्थापना 14 अप्रैल, 1984 को दिवंगत नेता कांशीराम ने की थी। पार्टी का मुख्य जनाधार उत्तर प्रदेश में है, लेकिन इसके अलावा बसपा उत्तराखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में भी पकड़ रखती है। पार्टी की मौजूदा सुप्रीमो मायावती 4 बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। वह पहली 1995 में इस कुर्सी पर बैठीं और 2007-12 के बीच अपना आखिरी कार्यकाल पूरा किया।