मायावती बोलीं- अशोक गहलोत ने चुराए बसपा के विधायक, उन्हें सबक सिखाने का समय
क्या है खबर?
राजस्थान के सियासी संकट में कूदीं मायावती ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोला है। गहलोत पर बहुजन समाज पार्टी के विधायक चुराने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि वह गहलोत और कांग्रेस को सबक सिखाकर रहेंगी।
उन्होंने कहा कि वह अपने छह विधायकों को वापस लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगी और जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगी।
मायावती का यह रुख गहलोत के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है।
पृष्ठभूमि
इसलिए गहलोत से खफा हैं मायावती
2018 राजस्थान विधानसभा चुनाव में बसपा के छह विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे और पिछले साल सितंबर में ये विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। विधायकों ने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी से बसपा विधायक दल का विलय कांग्रेस में करने का अनुरोध किया था, जिसे स्पीकर ने तत्काल स्वीकार कर लिया।
इस विलय से पहले से ही बसपा विधायक गहलोत सरकार का समर्थन कर रहे थे और मायावती ने इसे पीठ में छुरा घोंपने के समान बताया था।
बयान
कांग्रेस में बसपा विधायकों का विलय असंवैधानिक- मायावती
मायावती तभी से गहलोत से अपना हिसाब चुकता करने का मौका ढूढ़ रही थीं और अब मौजूदा सियासी संकट ने उन्हें ये मौका दिया है।
समाचार एजेंसी ANI से उन्होंने कहा, "राजस्थान में चुनाव के बाद बसपा ने अपने सभी छह विधायकों का समर्थन बिना शर्त कांग्रेस को दिया था। दुर्भाग्य से गहलोत ने अपनी बदनीयत और बसपा को नुकसान पहुंचाने के लिए उनका असंवैधानिक तरीके से कांग्रेस में विलय कर लिया। पिछले कार्यकाल में भी उन्होंने यही किया था।"
निशाना
"गहलोत को सबक सिखाने के लिए कर रहे थे सही समय का इंतजार"
मायावती ने कहा, "बसपा पहले भी कोर्ट जा सकती थी, लेकिन कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सबक सिखाने के लिए हम सही समय का इंतजार कर रहे थे। अब हमने कोर्ट जाने का फैसला लिया है। हम इस मामले को छोड़ेंगे नहीं। हम सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे... हमने अपने छह विधायकों को राजस्थान विधानसभा में होने वाली किसी भी कार्यवाही में कांग्रेस के खिलाफ वोट करने को कहा है। ऐसा न करने पर उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।"
बयान
मायावती बोलीं- कांग्रेस सरकार गिरने के लिए जिम्मेदार होंगे गहलोत
मायावती ने कहा कि बसपा विधायकों का विलय करने का कांग्रेस का फैसला संविधान की दसवीं अनुसूची के खिलाफ है और कांग्रेस के बार-बार धोखा देने के कारण बसपा ने अपने विधायकों को व्हिप जारी करने का फैसला लिया लिया है।
गहलोत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बसपा के फैसले के कारण कांग्रेस सरकार रहती है या नहीं रहती है, इसका दोष अब पूरी तरह से कांग्रेस और उसके मुख्यमंत्री गहलोत का होगा।
व्हिप
बसपा ने अपने विधायकों को कल जारी किया था व्हिप
बता दें कि कल ही बसपा ने अपने छह विधायकों को व्हिप जारी करते हुए राजस्थान विधानसभा में बहुमत परीक्षण की स्थिति में कांग्रेस के खिलाफ वोट देने को कहा था। इसके अलावा पार्टी ने अपने विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर करने का ऐलान भी किया था।
पार्टी इससे पहले चुनाव आयोग में भी इस विलय के खिलाफ अपील कर चुकी है और मामले में आयोग का फैसला आना बाकी है।
समीकरण
पक्ष में फैसला आने पर किंगमेकर की भूमिका में होगी बसपा
बसपा के व्हिप और कोर्ट जाने के फैसले ने राजस्थान के सियासी संकट में एक नया मोड़ ला दिया है।
अगर मामले में उसके पक्ष में फैसला आता है तो गहलोत सरकार के लिए अपनी सरकार बचाना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि अभी उसे जिन 103 विधायकों का समर्थन हासिल हैं, उनमें बसपा के ये छह विधायक भी शामिल हैं।
ऐसी स्थिति में बसपा राज्य में किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है और उसका समर्थन निर्णायक साबित हो सकता है।