मायावती का बड़ा बयान, कहा- सपा को हराने के लिए भाजपा को भी दे देंगे वोट
क्या है खबर?
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती के एक बयान ने उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। अपने इस बयान में उन्होंने कहा है कि विधान परिषद (MLC) के आगामी चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को हराने के लिए उनकी पार्टी भाजपा को भी वोट देने को तैयार है।
बसपा पर भाजपा की 'बी टीम' होने का आरोप लगाती रही कांग्रेस ने उनके इस बयान को लपक दिया है और प्रियंका गांधी ने उन पर निशाना साधा है।
पृष्ठभूमि
ये है विधान परिषद के चुनावों का गणित
अगले साल जनवरी में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 11 सीटें खाली हो रही हैं और अभी उत्तर प्रदेश विधानसभा के संख्याबल के हिसाब से इनमें से 8-9 सीटों पर भाजपा की जीत लगभग पक्की है, वहीं एक सीट सपा के खाते में जाना तय है।
सपा निर्दलीय विधायकों और अन्य पार्टियों के समर्थन की मदद से दूसरी सीट भी जीतने की उम्मीद लगाए बैठी थी और अब अपने बयान से मायावती ने उसकी उम्मीद पर पानी फेर दिया है।
बयान
मायावती ने कहा- सपा को नहीं देंगे वोट
आज समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए मायावती ने कहा, "आने वाले उत्तर प्रदेश MLC चुनावों में समाजवादी पार्टी द्वारा खड़े किए जाने वाले उम्मीदवार को हराने के लिए बसपा पूरी ताकत लगा देगी... इसलिए लिए चाहें पार्टी के विधायकों को भाजपा या अन्य किसी विरोधी पार्टी के उम्मीदवार को ही वोट क्यों न देना पड़ जाए... जो भी पार्टी सपा के दूसरे उम्मीदवार को हराने के लिए भारी पड़ेगी तो उसे हम अपने विधायकों का वोट जरूर देंगे।"
ट्विटर पोस्ट
बसपा और भाजपा के गठजोड़ का आरोप लगाने वाली प्रियंका ने साधा मायावती पर निशाना
इसके बाद भी कुछ बाकी है? pic.twitter.com/WGNxMWq9gh
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 29, 2020
बयान
गेस्ट हाउस कांड में सपा के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेना बड़ी गलती- मायावती
अपने बयान में मायावती ने ये भी कहा कि गेस्ट हाउस कांड में सपा के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेना उनकी एक बड़ी गलती थी।
उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद जब हमने समाजवादी पार्टी का हमारे प्रति व्यवहार देखा, हमें अहसास हुआ कि हमने उनके खिलाफ दर्ज हमारा 2 जून, 1995 का केस वापस लेकर बड़ी गलती की है और हमें उनसे हाथ नहीं मिलाना चाहिए था। हमें इस पर गहराई से सोचना चाहिए था।"
कारण
राज्यसभा चुनाव से जुड़ते हैं मायावती की नाराजगी के तार
बता दें कि सपा और अखिलेश यादव पर मायावती के गुस्से का एक अहम कारण उत्तर प्रदेश में होने वाले राज्यसभा चुनाव हैं। 9 नवंबर को राज्य की 10 राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग होनी है और इस चुनाव में मायावती ने भी अपना एक उम्मीदवार, रामजी गौतम, मैदान में उतारा था।
हालांकि बसपा के पास अकेले दम पर गौतम को जिताने लायक विधायक नहीं हैं और वह अन्य पार्टियों से समर्थन की उम्मीद लगा रही थी।
असफलता
चार बसपा विधायकों के समर्थन वापस लेने से फेल हुई मायावती की योजना
बसपा की इन उम्मीदों पर पानी फेरते हुए गौतम का नाम प्रस्तावित करने वाले 10 में से चार बसपा विधायकों ने कल अपना समर्थन वापस ले लिया और सपा में शामिल होने के संकेत दिए।
राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी में इस फूट के लिए मायावती अखिलेश को जिम्मेदार मानती हैं और इसी कारण उन्होंने MLC चुनावों में सपा उम्मीदवार को किसी भी कीमत पर वोट न देने का ऐलान किया है।