लॉकडाउन की भेट चढ़ी साइकिल कंपनी एटलस की सबसे बड़ी फैक्ट्री, बंद किया उत्पादन
क्या है खबर?
देश में लागू किए गए लॉकडाउन से आई आर्थिक मंदी का असर अब देश में बड़े स्तर पर दिखना शुरू हो गया है।
पहले जहां बड़ी कंपनियां कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही थी, वहीं अब देश की सबसे बड़ी साइकिल बनाने वाली कंपनी एटलस ने दिल्ली से सटे गाजियाबाद के साहिबाबाद में स्थित अपनी सबसे बड़ी फैक्ट्री को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है।
कंपनी ने विश्व साइकिल दिवस के दिन सह सनसनीखेज फैसला किया है।
नोटिस
कंपनी ने फैक्ट्री के बाहर चिपकाया नोटिस
कंपनी के इस फैसले का कर्मचारियों को भी कोई पता नहीं था। मंगलवार को काम करने के बाद सभी कर्मचारी अपने घर चले गए।
बुधवार सुबह जब वह वापस काम पर आए तो फैक्ट्री के दरवाजे पर मैनेजमेंट की ओर से लगा नोटिस पढ़कर उनके होश उड़ गए।
अचानक फैक्ट्री बंद होने से यहां काम करने वाले करीब 1,000 कर्मचारियों के आगे अब परिवार चलाने का संकट खड़ा हो गया है। हालांकि, कपंनी ने अभी उन्हें निकाला नहीं है।
कारण
कंपनी ने अपने निर्णय के पीछे बताया यह कारण
कंपनी की ओर से चिपकाए गए नोटिस में लिखा है कि कंपनी के पास रोजमर्रा के सामान खरीदने तक के भी पैसे नहीं हैं। सभी कर्मचारियों को ले-ऑफ किया जा रहा है।
नोटिस में यह भी लिखा था कि धन नहीं आने तक कंपनी कच्चा माल खरीदने में असमर्थ है। ऐसे में कंपनी फैक्ट्री चलाने की स्थिति में नहीं हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी की ओर से अचानक किए गए इस निर्णय ने उनकी चिंता बढ़ा दी है।
जानकारी
ले-ऑफ के तहत किया जाता है आधे वेतन का भुगतान
बता दें कि जब किसी कंपनी के पास उत्पादन के पैसे नहीं होते हैं, तो वह कर्मचारियों की छंटनी करने की जगह काम न कराकर सिर्फ उनकी हाजिरी लगवाती है। उसी हाजिरी के आधार पर कर्मचारी को आधे वेतन का भुगतान किया जाता है।
उत्पादन
प्रत्येक महीने बनाई जाती थी दो लाख साइकिलें
एटलस साइकिल यूनियन के महासचिव महेश कुमार ने बताया कि फैक्ट्री में लॉकडाउन से पहले हर महीने दो लाख साइकिलें बनाई जा रही थीं।
इस हिसाब से पूरे साल में कंपनी करीब 50 लाख साइकिलों को बनाती थी। अब हालत यह है कि फैक्ट्री के मजदूरों और कर्मचारियों को मई माह का वेतन भी नहीं दिया गया है।
उन्होंने बताया कि फैक्ट्री के प्रबंधन से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। उनसे संपर्क के प्रयास किए जा रहे हैं।
आखिरी प्लांट
कंपने के दो प्लांट पहले हो चुके हैं बंद
आपको बता दें कि 1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद कराची से भारत आए जानकी दास कपूर ने एटलस साइकल कंपनी की स्थापना 1951 में की थी। कंपनी का साहिबाबाद स्थित यह प्लांट आखिरी था।
इससे पहले कंपनी मध्यप्रदेश के मालनपुर और हरियाणा के सोनीपत के प्लांट भी बंद चुके हैं। बताया जा रहा है कि इस फैक्ट्री में सबसे ज्यादा उत्पादन होता था। कंपनी यहां हर साल लगभग 40-50 लाख साइकल बनाती थी।
प्रतिक्रिया
मायावती ने सरकार से की मदद करने की मांग
मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों के समर्थन में ट्वीट किया है।
उन्होंने लिखा, 'ऐसे समय जबकि लॉकडाउन के कारण बंद पड़े उद्योगों को खोलने के लिए आर्थिक पैकेज आदि सरकारी मदद देने की बात की जा रही है, वहीं उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित एटलस जैसी प्रमुख साइकल फैक्ट्री के धन अभाव में बन्द होने की खबर चिंता बढ़ाने वाली है। सरकार तुरंत ध्यान दे तो बेहतर है।'
निशाना
प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर साधा निशाना
इस तरह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट करते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट किया, 'विश्व साइकल दिवस के मौके पर साइकल कंपनी एटलस की गाजियाबाद फैक्ट्री बंद हो गई। 1,000 से ज्यादा लोग एक झटके में बेरोजगार हो गए। सरकार के प्रचार में तो सुन लिया कि इतने का पैकेज, इतने MoU, इतने रोजगार। लेकिन असल में तो रोजगार खत्म हो रहे हैं, फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं।