
EVM पर प्रत्याशियों की तस्वीर समेत लोकसभा चुनाव में पहली बार होंगी ये मुख्य चीजें
क्या है खबर?
चुनाव आयोग ने रविवार को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया।
चुनाव 11 अप्रैल से शुरु होकर 19 मई को खत्म होंगे और मतगणना 23 मई को होगी।
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए भी कई ऐसे ऐलान किए जो इस लोकसभा चुनाव में पहली बार आजमाए जाएंगे।
आइए हम ऐसे ही बातों पर नजर डालते हैं तो इस चुनाव में पहली बार होंगी।
प्रत्याशी की तस्वीर
पहली बार EVM पर दिखेगा प्रत्याशी का चेहरा
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की घोषणा के अनुसार, पहली बार मतदाताओं को EVM मशीनों में प्रत्याशियों का चेहरा देखने को मिलेगा।
इससे पहले EVM में प्रत्याशी और उसकी पार्टी का चुनाव चिन्ह ही होता था।
कई बार राजनीतिक पार्टियों की ओर से यह शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है कि एक जैसे चुनाव चिन्ह होने के कारण मतदाता गलत प्रत्याशी को वोट दे जाए।
अब प्रत्याशियों की तस्वीर होने से पार्टियों और मतदाताओं की समस्या का समाधान हो सकेगा।
VVPAT मशीन
हर मतदाता केंद्र पर VVPAT मशीन का इस्तेमाल
इस चुनाव में पहली बार हर मतदान केंद्र पर एक VVPAT मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा।
बता दें कि VVPAT मशीन से वोट डालने के बाद एक पर्ची निकलती है, जिससे मतदाता यह सुनिश्चित कर सकता है कि उसका वोट उसके पसंदीदा प्रत्याशी को ही गया है।
VVPAT मशीन के इस्तेमाल के बाद EVM में गड़बड़ी और वोट किसी अन्य पार्टी के खाते में जाने से संबंधित सवालों पर एक हद तक विराम लग सकेगा।
आपराधिक पृष्ठभूमि
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को देना होगा इसका विज्ञापन
इस चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को न केवल इसकी जानकारी आयोग को देनी होगी, बल्कि प्रचार के दौरान बड़े अखबारों और न्यूज चैनलों में तीन बार इसका विज्ञापन भी देना होगा।
इन प्रत्याशियों से जुड़ी पार्टियों को भी अपने उम्मीदवार के साबित हो चुके अपराधों की जानकारी अपनी वेबसाइट, अखबारों और न्यूज चैनलों पर तीन बार देनी होगी।
यह नियम पिछले साल अक्टूबर में ही जारी हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव में यह पहली बार लागू होगा।
सोशल मीडिया
सोशल मीडिया से संबंधित नई गाइनलाइंस
चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पर निगरानी बनाए रखने के लिए भी कई गाइडलाइंस जारी की हैं।
अब प्रत्याशियों की अपने सोशल मीडिया अकाउंट और वहां प्रचार पर हुए खर्च की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी।
साथ ही सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए पार्टियों और प्रत्याशियों को आयोग से मंजूरी लेनी होगी।
आयोग ने cVIGIL और समाधान ऐप की भी घोषणा की, जिन पर लोग मतदाताओं द्वारा किए गए किसी भी उल्लंघन की जानकारी दे सकते हैं।
EVM ट्रैकिंग
EVM की GPS ट्रैकिंग और 'इको-फ्रेंडली' चुनाव भी पहली बार
इस लोकसभा चुनाव में पहली बार EVM की GPS ट्रैकिंग की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की धांधली की संभावना से बचा जा सके।
इसके अलावा आयोग ने चुनाव को 'इको-फ्रेंडली' बनाए रखने का भी पूरा इंतजाम किया है।
चुनाव प्रचार में पार्टियों के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी साम्रगी इस्तेमाल करने पर रोक लगाई गई है।
नियमों से अलग बात करें तो इस बार 18-19 आयु वर्ग के 1.5 करोड़ मतदाता पहली बार वोट डालेंगे।