अहमदाबाद बम ब्लास्ट के फैसले पर भाजपा के कार्टून पर विवाद, ट्विटर ने हटाया
अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट केस में कोर्ट के फैसले की प्रशंसा में ट्विटर पर शेयर किए गए भाजपा के एक कार्टून पर विवाद खड़ा हो गया है। इस कार्टून में फांसी की सजा पाने वाले आतंकवादियों को मुस्लिमों की वेशभूषा में दिखाया गया है। कई यूजर्स ने इस कार्टून की तुलना हिटलर के नाजी जर्मनी के जमाने के कार्टून से की है। मामले पर विवाद के बाद ट्विटर ने इस कार्टून को हटा दिया है।
कार्टून में फांसी के फंदे पर लटके दिखाए गए मुस्लिम टोपी पहने हुए युवक
गुजरात भाजपा द्वारा ट्वीट किए गए कार्टून में मुस्लिम टोपी पहने हुए कुछ युवकों को फांसी के फंदे से लटका हुआ दिखाया गया था। उनके पीछे तिरंगा और बम ब्लास्ट को दर्शाने वाला दृश्य था। अपनी इस पोस्ट के कैप्शन में भाजपा ने 'सत्यमेव जयते' लिखा था। इस कार्टून को अहमदाबाद बम ब्लास्ट केस में कोर्ट के फैसले के एक दिन बाद शनिवार को ट्वीट किया गया। भाजपा के कुछ नेताओं ने भी इस कार्टून को शेयर किया था।
ट्विटर यूजर्स ने कार्टून को बताया शर्मनाक, नाजी जर्मनी से की तुलना
गुजरात भाजपा के इस कार्टून पर कई ट्विटर यूजर्स ने आपत्ति जताई और कहा कि ये शर्मनाक है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सबसे बड़ी पार्टी एक ऐसा कार्टून शेयर कर रही है जो "मुस्लिमों के नरसंहार" को बढ़ावा देता हुआ प्रतीत हो रहा है। कुछ यूजर्स ने इस कार्टून की तुलना हिटलर की नाजी जर्मनी के एक कार्टून से भी की जिसमें यहूदियों, वामपंथियों और "जर्मनी के अन्य दुश्मनों" को फांसी पर लटके हुए दिखाया गया है।
यूजर्स के रिपोर्ट करने के बाद ट्विटर ने हटाया कार्टून
यूजर्स की आपत्ति और कई यूजर्स के कार्टून को रिपोर्ट करने के बाद आखिरकार ट्विटर ने इसे अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया। गुजरात भाजपा के प्रवक्ता यग्नेश दवे ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि किसी के रिपोर्ट करने के बाद 2008 सीरियल ब्लास्ट के फैसले पर की गई पोस्ट को ट्विटर ने हटा दिया है। बता दें कि ट्विटर केवल उन पोस्ट को हटाता है जो उसकी गाइडलाइंस का उल्लंघन करती हैं।
अहमदाबाद ब्लास्ट केस में शुक्रवार को सुनाई गई थी सजा
शुक्रवार को सुनाए गए अपने फैसले में गुजरात की एक स्पेशल कोर्ट ने 2008 के अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट मामले में 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके अलावा 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और उन्हें अपनी मौत तक जेल में ही रहना होगा। 28 आरोपियों को बरी घोषित कर दिया गया था। कोर्ट ने धमाके में मारे गए लोगों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया।
अहमदाबाद में कब हुए थे सीरियल बम ब्लास्ट?
अहमदाबाद में 26 जुलाई, 2008 को 70 मिनट के अंदर अलग-अलग जगहों पर कुल 22 बम ब्लास्ट हुए थे, वहीं दो बम फट नहीं पाए थे। इन धमाकों में कुल 56 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। जिन जगहों पर धमाके हुए, उनमें सरकारी सिविल अस्पताल, अहमदाबाद नगर निगम का एलजी अस्पताल, कई बसें, पार्क की गईं साइकिलें और कार शामिल थीं। आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने इन धमाकों को अंजाम दिया था।