शराबबंदी के लिए बिहार सरकार की सख्ती, थानाप्रभारी और चौकीदार 10 साल के लिए होंगे निलंबित
क्या है खबर?
बिहार में शराबबंदी के बाद भी जहरीली शराब से 40 से अधिक लोगों की मौत के मामले में आलोचना झेल रही नीतीश कुमार सरकार ने राज्य पूर्ण शराबबंदी के लिए सख्त कदम उठाया है।
अब राज्य में शराब की अवैध बिक्री के लिए संबंधित थानाप्रभारी और चौकीदार जिम्मेदार होंगे और उनके क्षेत्र से शराब बरामद होने पर उन्हें 10 साल के लिए निलंबित किया जाएगा।
इसके अलावा शराब बिक्री में संलिप्तता पाए जाने पर उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
गत दिनों जहरीली शराब से हुई थी 40 से अधिक लोगों की मौत
बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद भी नवंबर के पहले सप्ताह में जहरीली शराब के सेवन के कारण पश्चिम चंपारण और गोपालगंज जिले में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
इसके अलावा दर्जनों लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी। सबसे अधिक मौतें गोपालंगज जिले में हुई थी।
चौंकाने वाली बात यह है कि बिहार में इस साल जहरीली शराब के सेवन के कारण अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
आलोचना
घटना को लेकर हो रही है बिहार सरकार की आलोचना
जहरीली शराब से 40 से अधिक लोगों की मौत होने को लेकर राज्य सरकार की जमकर आलोचना हो रही है।
एक ओर जहां मृतकों के परिजन शराब वितरण के लिए पुलिस और संबंधित थानाप्रभारियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हुए बैठे हैं।
उनका आरोप है कि राज्य में 20,000 करोड़ की अवैध शराब तस्करी हो रही है।
सख्ती
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिए थानाप्रभारी और चौकीदारों को जिम्मेदार बनाने के आदेश
मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सचिवालय में शीर्ष अधिकारियों के साथ करीब सात घंटे तक चली बैठक में अधिकारियों को शराब बिक्री में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
इसके अलावा शराब के खिलाफ ठोस कार्रवाई के लिए राज्य के खुफिया तंत्र को और मजबूत करने और अवैध शराब के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं करने वाले पुलिस थानों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए।
निलंबन
दोषी थानाप्रभारी और चौकीदार 10 साल के लिए होंगे निलंबित- DGP
बैठक के बाद पुलिस महानिदेशक (DGP) एस सिंघल ने कहा कि अब राज्य में शराब के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदार थानाप्रभारी और ग्राम चौकीदारों की होगी।
उन्होंने कहा कि अब राज्य में केंद्रीय टीम द्वारा कहीं भी शराब जब्त की जाती है तो संबंधित थानाप्रभारी और ग्राम चौकीदारों को 10 साल के लिए निलंबित किया जाएगा।
इसी तरह यदि वह अवैध शराब के धंधे में सांठगांठ करते पाए जाते हैं तो उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाएगा।
जानकारी
शराब की होम डिलीवरी करने वालों पर भी कसेगा शिकंजा- DGP
DGP सिंघल ने कहा कि अब थानाप्रभारी और ग्राम चौकीदारों की जिम्मेदारी होगी कि वह अवैध शराब के व्यापार पर त्वरित कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा शराब की बिक्री को रोकने के लिए होम डिलीवरी के खिलाफ भी विशेष अभियान चलाया जाएगा।
शराबबंदी
बिहार सरकार ने साल 2016 में की थी शराबबंदी
बता दें कि नीतीश कुमार ने सरकार ने 5 अप्रैल, 2016 को राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया था। सितंबर में राज्य सरकार ने अपनी नीति में थोड़ा बदलाव किया था।
बिहार मद्य निषेध एवं आबकारी नियम, 2021 में संशोधन के अनुसार पूरे परिसर को सील करने के बजाय केवल उस हिस्से को सील किया जाएगा जहां से वसूली की जाती है। हालांकि, इसका कोई बड़ा लाभ नहीं दिख रहा है।
हालात
बिहार में अवैध शराब के मामले इस साल दर्ज हुए 50,000 मामले
बिहार में शराबबंदी के बाद भी शराब बिक्री का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि राज्य में इस साल जनवरी से अक्टूबर तक अवैध शराब की बिक्री को लेकर 50,000 नए मामले दर्ज किए गए हैं।
इस दौरान पुलिस ने करीब 38 लाख लीटर शराब और उनका परिवहन करने वाले 1,200 वाहन जब्त किए गए हैं।
साल 2019-20 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, बिहार की 15.5 प्रतिशत पुरुष आबादी शराब का सेवन करती है।