जगन रेड्डी अपनी बहन के खिलाफ NCLT पहुंचे, भाई-बहन में संपत्ति को लेकर क्या है विवाद?
क्या है खबर?
युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और उनकी बहन शर्मिला रेड्डी में संपत्ति को लेकर फिर विवाद सामने आया है।
ताजा मामले में जगन ने अपनी बहन शर्मिला और मां वायएस विजयम्मा के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) में याचिका दायर की है। ये मामला एक कंपनी के शेयर से जुड़ा हुआ है।
आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है।
मामला
क्या है मामला?
2019 में जगन ने अपनी मां और बहन को अपनी कंपनी 'सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज' के कुछ शेयर उपहारस्वरूप देने का ऐलान किया था।
इसके लिए उन्होंने एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कहा गया था कि 'प्यार और स्नेह के कारण' वे शेयर दोनों के नाम करेंगे।
इसके बाद एक गिफ्ट डीड में जगन ने हस्ताक्षर किए, जिसमें कहा गया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामलों में कोर्ट की मंजूरी के बाद शेयर हस्तांतरित कर दिए जाएंगे।
याचिका
रेड्डी ने NCLT में क्यों दायर की याचिका?
जगन ने शर्मिला और अपनी मां पर 'सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज' नामक कंपनी के शेयर अवैध रूप अपने नाम कराने का आरोप लगाया है।
जगन का कहना है कि सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज का स्वामित्व उनके तथा उनकी पत्नी भारती के पास है।
जगन ने कहा कि उन्होंने अपनी मां और बहन के साथ नेक इरादे से जो समझौता ज्ञापन किया था, वह लागू नहीं रहेगा, क्योंकि दोनों ने सद्भावना को बिगाड़ा है।
समझौता
अब समझौता रद्द करना चाहते हैं रेड्डी
जगन ने इस संबंध में शर्मिला को एक पत्र लिखा है।
इसमें उन्होंने लिखा, "कानूनी दायित्वों को पूरा किए बिना और कोर्ट से मंजूरी के बिना शेयर हस्तांतरण करने के संभावित प्रतिकूल प्रभाव होंगे। अब किसी से छिपा हुआ नहीं है कि हमारे बीच संबंध अच्छे नहीं हैं। इस बदली हुई स्थिति को देखते हुए मैं औपचारिक रूप से सूचित करना चाहता हूं कि सहमति ज्ञापन में व्यक्त मूल इरादे पर आगे कार्य करने का मेरा कोई इरादा नहीं है।"
आरोप
जगन ने क्या आरोप लगाए?
जगन ने कहा कि सरस्वती पावर में शेयरों का हस्तांतरण उनकी पीठ पीछे किया गया।
उन्होंने सवाल उठाया कि अधिकारियों द्वारा ED मामलों का सामना कर रही कंपनियों के शेयर प्रमाण पत्र पेश किए बिना इस तरह के हस्तांतरण को कैसे अनुमति दी गई।
जगन ने कहा कि शेयरों का हस्तांतरण कानूनी रूप से स्वीकार्य नहीं था, क्योंकि कंपनी ED मामलों का सामना कर रही थी और हाई कोर्ट ने भी रोक लगा रखी थी।
शर्मिला का जवाब
जगन के पत्र का शर्मिला ने क्या जवाब दिया?
शर्मिला ने जगन को पत्र लिख कहा कि उन्होंने अपने पिता के निर्देशों का पालन नहीं किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी संपत्तियों को 4 पोते-पोतियों के बीच समान रूप से विभाजित किया जाना चाहिए।
शर्मिला ने लिखा, "सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होने के बाद शेयरों को हस्तांतरित करने का इरादा था, लेकिन आप वर्षों तक इसे पूरा करने में विफल रहे। जब पिता जीवित थे तो आपने वचन स्वीकार कर लिया, लेकिन निधन के बाद इनकार कर दिया।"
विवाद
भाई-बहन में क्या है विवाद?
जगन और शर्मिला ने एक साथ खूब काम किया है।
2012 में विधानसभा उपचुनाव और 2019 के विधानसभा चुनावों के दौरान शर्मिला ने अपने भाई के समर्थन में पदयात्रा निकाली थी, जिसकी वजह से जगन को शानदार जीत मिली।
हालांकि, इसके बाद भाई-बहन के रिश्ते में दरार आ गई और 2021 में शर्मिला ने YSR तेलंगाना नाम से अलग पार्टी बना ली। लोकसभा चुनाव से पहले YSR तेलंगाना का कांग्रेस में विलय हो गया।