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जगन रेड्डी की बहन शर्मिला कांग्रेस में शामिल हुईं, पार्टी का भी विलय किया
वाईएस शर्मिला ने कांग्रेस की सदस्यता ली

जगन रेड्डी की बहन शर्मिला कांग्रेस में शामिल हुईं, पार्टी का भी विलय किया

लेखन आबिद खान
Jan 04, 2024
02:13 pm

क्या है खबर?

युवजन श्रमिका रायथू तेलंगाना पार्टी (YSRTP) की संस्थापक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की उपस्थिति में शर्मिला ने कांग्रेस की सदस्यता ली। हाल ही में हुए तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में भी शर्मिला ने कांग्रेस को समर्थन दिया था और अपनी पार्टी के उम्मीदवार नहीं उतारे थे।

विलय

YSTRP का हुआ कांग्रेस में विलय

शर्मिला ने अपनी पार्टी YSRTP का भी कांग्रेस में विलय कर दिया है। इस मौके पर शर्मिला ने कहा, "मुझे बहुत खुशी है कि YSRTP आज से कांग्रेस का हिस्सा बनने जा रही है। मेरे पिता का सपना था कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें, मुझे खुशी है कि मैं इसके लिए काम करूंगी। ईसाई होने के चलते मुझे मणिपुर हिंसा के कारण बहुत दुख हुआ। अगर धर्मनिरपेक्ष पार्टी सत्ता में नहीं होगी तो यही होगा।"

शर्मिला

कौन हैं शर्मिला?

शर्मिला अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी हैं। आंध्र प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी उनके बड़े भाई हैं। शर्मिला की शादी अनिल कुमार से हुई है और दोनों के 2 बच्चे भी हैं। पहले शर्मिला अपने भाई जगन की युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) का हिस्सा थीं, लेकिन जुलाई, 2021 में मतभेद के बाद शर्मिला ने अपनी अलग पार्टी YSRTP का गठन किया।

पद

शर्मिला को चुनावों से पहले मिल सकता है बड़ा पद

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, YSRTP के कांग्रेस में विलय के बाद शर्मिला को राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है। लोकसभा चुनाव से पहले दक्षिण भारत में कांग्रेस में उन्हें अहम भूमिका दे सकती है। लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। शर्मिला को राज्य स्तर पर भी बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है। कांग्रेस जल्द ही इस संबंध में घोषणा कर सकती है।

समीकरण

शर्मिला के कांग्रेस में शामिल होने से कितने बदलेंगे समीकरण?

माना जाता है कि शर्मिला अपने पिता के समर्थकों के वोट को कांग्रेस की ओर खींच सकती हैं। इससे YSRCP के वोट बंट सकते हैं, जो पहले ही तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनसेना गठबंधन से कड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। हालांकि, कुछ विशेशज्ञों का कहना है कि वाईएस रेड्डी की विरासत पर जगन काबिज हो चुके हैं और अब शर्मिला के लिए जगह बनाना इतना आसान नहीं होगा।