आंध्र प्रदेश: महिला छात्रावास के शौचालय में मिला कैमरा, वीडियो बेचते थे आरोपी
क्या है खबर?
आंध्र प्रदेश से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के कृष्णा जिले में स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज के महिला छात्रावास के शौचालय में एक छिपा हुआ कैमरा मिलने से हड़कंप मच गया है।
जब एक छात्रा ने इस कैमरे को देखा, तो उसने तुरंत हॉस्टल प्रबंधन को सूचित किया।
घटना के बाद आक्रोशित छात्राओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
वीडियो
पैसे लेकर वीडियो बेचते थे आरोपी
जानकारी के मुताबिक, महिला छात्रावास के शौचालय की 300 से ज्यादा तस्वीरें किसी ने गिरफ्तार किए गए आरोपी से खरीदी थी। आरोपी भी कॉलेज का ही छात्र बताया जा रहा है। पुलिस ने पकड़े गए छात्र का लैपटॉप जब्त कर लिया है।
बवाल बढ़ने के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मामले की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कलेक्टर के साथ पुलिस अधीक्षक को तुरंत मौके पर जाने का आदेश दिया है।
आरोपी
कौन है आरोपी?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने अंतिम वर्ष के एक इंजीनियरिंग छात्र को हिरासत में लिया है। पुलिस का मानना है कि वो कैमरा लगाने में शामिल था। हालांकि, पुलिस ने उसकी पहचान जाहिर नहीं की है और आगे की जांच जारी है।
पुलिस ने कहा कि उन्होंने छात्रों और कॉलेज स्टाफ की मौजूदगी में आरोपी के लैपटॉप, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच की है और कोई आपत्तिजनक सबूत नहीं मिला है।
कॉलेज प्रशासन
कॉलेज प्रशासन का क्या कहना है?
आज तक के मुताबिक, कॉलेज प्रशासन ने छात्रों और अभिभावकों को आश्वासन दिया है कि वे इस पूरे मामले की जांच के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि लड़कियों के हॉस्टल में कोई छिपा हुआ कैमरा नहीं मिला है। पुलिस ने कहा कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जांच
मंत्री ने दिए जांच के आदेश
आंध्र प्रदेश के मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश ने कॉलेज में हुई घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'मैंने छिपे हुए कैमरों के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। दोषियों और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मैंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि किसी भी कॉलेज में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।'