किसी आम नागरिक या पत्रकार को अनुच्छेद 370 पर फैसले की पूर्व जानकारी नहीं थी- सरकार
केंद्र सरकार ने किसी भी आम नागरिक को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की पूर्व जानकारी होने से इनकार किया है। बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल का जबाव देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि किसी भी आम नागरिक या पत्रकार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जाने के फैसले की पहले से जानकारी नहीं थी। कांग्रेस के एक सांसद के लिखित सवाल के जबाव में गृह मंत्रालय ने यह बात कही।
अर्नब गोस्वामी की चैट लीक से संबंधित है मामला
ये पूरा मामला रिपब्लिक टीवी के प्रमुख और एंकर अर्नब गोस्वामी की चैट लीक से संबंधित है। दरअसल, हाल ही में अर्नब और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व प्रमुख पार्थो दासगुप्ता के बीच हुई लगभग 5,000 पेज की व्हाट्सऐप चैट लीक हुई थी। इस चैट में अर्नब ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद दासगुप्ता से कहा था कि सरकार हमले का जवाब देने के लिए पाकिस्तान में बड़ी स्ट्राइक करेगी और जम्मू-कश्मीर पर भी कोई बड़ा फैसला लेगी।
कांग्रेस उठा रही थी अर्नब को पहले से जानकारी होने पर सवाल
अर्नब की ये चैट लीक होने के बाद से ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां मामले में सरकार पर सवाल उठा रही थीं। सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने पूछा था कि अर्नब को बालाकोट एयर स्ट्राइक और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने की जानकारी पहले से ही कैसे थी और सरकार से संबंधित किस व्यक्ति ने उनके साथ ये संवेदनशील जानकारी साझा की थी।
कांग्रेस सांसद ने लिखित सवाल में पूछा- क्या पत्रकार समेत अन्य नागरिकों को थी जानकारी?
अब संसद का बजट सत्र शुरू होने पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद नासिर हुसैन ने इसी संबंध में गृह मंत्रालय से एक लिखित सवाल किया था। अपने सवाल में उन्होंने पूछा था कि क्या यह सच है कि 5 अगस्त, 2019 को संसद के साथ अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने की जानकारी साझा करने से पहले इस गोपनीय जानकारी को एक पत्रकार सहित कुछ नागरिकों के साथ साझा किया गया था।
गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी ने कहा- किसी नागरिक को नहीं थी जानकारी
आज राज्यसभा में इसी सवाल का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, "नहीं सर, किसी भी आम नागरिक या पत्रकार को अनुच्छेद 370 पर फैसले की पहले से जानकारी नहीं थी।"
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था अनुच्छेद 370
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था। यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा देता था। इसके अलावा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, में बांटने का फैसला भी लिया गया था। इससे संबंधित बिल संसद में पेश किया गया था और संसद और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह 31 अक्टूबर, 2019 को प्रभाव में आया था।