असम पहुंचे शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे, 40 विधायकों का समर्थन होने का दावा
शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे पार्टी के अन्य असंतुष्ट विधायकों के साथ असम पहुंच गए हैं। वह यहां गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में ठहरे हुए हैं। असम में भाजपा की सरकार है और भाजपा के कुछ नेताओं ने होटल में उनका स्वागत भी किया। इससे पहले शिंदे गुजरात के सूरत में डेरा डाले हुए थे। वहां भी भाजपा की सरकार है। शिंदे ने शिवसेना के 40 विधायकों के उनके साथ होने का दावा किया है।
शिवसेना को नहीं छोड़ रहे, बालासाहेब के हिंदुत्व को आगे बढ़ाएंगे- शिंदे
गुवाहाटी पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि वह शिवसेना को तोड़ नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा, "40 विधायक अभी यहां मौजूद हैं। सभी लोग बालासाहेब ठाकरे जी का जो हिंदुत्व है... उसे आगे ले जाना चाहते हैं। हमने बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को नहीं छोड़ा है। हम इसे छोड़ेंगे भी नहीं। हम बालासाहेब के हिंदुत्व का पालन कर रहे हैं और इसे आगे बढ़ाएंगे।"
भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की मांग कर रहे शिंदे
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिंदे से लगभग 10 मिनट फोन पर बात की और उन्हें पार्टी में वापस आने को कहा। रिपोर्ट के मुताबिक, शिंदे ने ठाकरे से मांग की कि शिवसेना भाजपा के साथ अपना गठबंधन बहाल करे और उसके साथ मिलकर राज्य पर शासन करे। अन्य बागी विधायकों ने भी कुछ ऐसी ही इच्छा जाहिर की है और कहा है कि उनका ठाकरे से कोई दुश्मनी नहीं है।
बागी विधायकों ने शिंदे के समर्थन में कागजों पर किए हस्ताक्षर, सरकार में बैठकों का दौर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिवसेना के बागी विधायकों ने शिंदे के समर्थन में कुछ कागजों पर हस्ताक्षर किए हैं। सरकार पर छाए इस पूरे संकट के बीच दोपहर एक बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। इसके अलावा कांग्रेस भी मिशन मोड में आ गई है और आज तीन बैठके करेगी। वह सुबह 11 बजे पहली बैठक अपने विधायकों और नेताओं के साथ करेगी। इसके बाद दोपहर में उद्धव ठाकरे और फिर 1 बजे शरद पवार के साथ बैठक है।
क्यों अहम है शिंदे की बगावत?
एकनाथ शिंदे की बगावत से महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार पर संकट पैदा हो गया है। दल-बदल कानून के अनुसार, अगर शिंदे 37 शिवसेना विधायकों को अपने पक्ष में कर लेते हैं तो उन पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा और वो बिना विधायकी खोए अलग पार्टी बना सकेंगे। ऐसा करने पर गठबंधन की सरकार अल्पमत में आ जाएगी। अगर यह बागी विधायक भाजपा को समर्थन दे देते हैं तो राज्य में भाजपा की सरकार बन जाएगी।
शिंदे ने क्यों की बगावत?
ठाणे में शिवसेना को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने वाले शिंदे पिछले काफी समय से उद्धव ठाकरे और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत से नाराज हैं। उन्हें लगता है कि उन्हें पार्टी में किनारे किए जा रहा है और राउत का कद बढ़ रहा है। कहा जा रहा है कि उन्हें अपनी मर्जी से विभाग चलाने की छूट नहीं दी जा रही थी और उनके काम पर लगातार नजर रखी जा रही थी।