पंजाब: पुलिस ने कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू समेत कई नेताओं को गिरफ्तार किया, जानें मामला
पंजाब में आज बड़ा सियासी घटनाक्रम देखने को मिला। यहां पंजाब पुलिस ने मंगलवार को शहर के पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर मामूली झड़प के बाद लोकसभा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु और पूर्व विधायक संजय तलवार सहित कई कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। लुधियाना के पुलिस आयुक्त कुलदीप सिंह चहल ने कहा कि सभी को आज स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
कांग्रेस नेताओं की जमानत पर 6 मार्च को होगी सुनवाई
न्यायिक मजिस्ट्रेट तनिष्ठ गोयल की कोर्ट ने कहा कि अब जमानत याचिका पर 6 मार्च को सुनवाई होगी और सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बिट्टू, आशु, तलवार और कांग्रेस के अन्य नेताओं को सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाने के बाद जेल के लिए रवाना किया गया। इस दौरान बिट्टू के वकील ने गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया और उन्हें जमानत देने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिट्टू को इस मामले की जांच में शामिल नहीं किया गया।
गिरफ्तारी पर क्या बोले बिट्टू?
अपनी गिरफ्तारी से पहले मीडिया से बातचीत में बिट्टू ने कहा, "अगर हम पर MC कार्यालय को ताला लगाने के लिए मामला दर्ज किया जा सकता है तो मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ भी FIR दर्ज की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने विधानसभा के अंदर भी ताला लगवा दिया था।" बता दें कि सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा में स्पीकर से गेट पर ताला लगाने को कहा था, ताकि विपक्षी विधायक बाहर न निकल सकें।
क्या है मामला?
दरअसल, कांग्रेस नेताओं और उनके समर्थकों ने 27 फरवरी को लुधियाना नगर निगम मुख्यालय पर धावा बोल दिया और 'सत्तारूढ़ AAP सरकार की अक्षमता' और 'लुधियाना नागरिक निकाय में व्यापक भ्रष्टाचार' के विरोध में इसके मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया था। जब यह ताला लगाया गया था, तब निगम के अधिकारी कार्यालय के अंदर ही थे। इस दौरान हंगामा भी देखने को मिला था, जिसके बाद इन सभी के खिलाफ लुधियाना की पुलिस ने FIR दर्ज की थी।
बिट्टू ने FIR के बाद गिरफ्तारी देने का किया था ऐलान
बिट्टू ने FIR पर कहा था, "हमने सर्वसम्मति से भारत भूषण आशु, संजय तलवार और मेरे समेत वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ दर्ज झूठी और राजनीति से प्रेरित FIR में 5 मार्च को कमिश्नर कार्यालय के सामने गिरफ्तारी देने का फैसला किया है, लेकिन ऐसी FIR हमें आम जनता के लिए खड़े होने से नहीं रोक सकती। हम ऐसे और भी सरकारी कार्यालयों पर ताले लगाएंगे, जो सत्तारूढ़ मान सरकार की अक्षमता के कारण भ्रष्टाचार का अड्डा बन गए हैं।"