अशोक गहलोत बोले- मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन ये पद मुझे नहीं छोड़ रहा
राजस्थान में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। इस बीच दिल्ली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, "सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मुझे मुख्यमंत्री बनाया था। मैं मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं था। उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री चुना और मेरा सौभाग्य है कि मैं 3 बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बना।" उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन ये पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और शायद छोड़ेगा भी नहीं।"
एक महिला ने कहा आपको चौथी बार मुख्यमंत्री बनना चाहिए- गहलोत
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (CWC) की बैठक के बाद दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने बयान दिया। उन्होंने कहा, "एक महिला ने अस्पताल में मुझसे कहा था कि भगवान की इच्छा से आपको चौथी बार मुख्यमंत्री बनना चाहिए। तब मैंने स्वास्थ्य कारणों से उस महिला से कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन ये पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और कभी छोड़ेगा भी नहीं।"
गहलोत ने पायलट के साथ मेतभेदों को किया खारिज
मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान में टिकट बंटबारे को लेकर सचिन पायलट के साथ मतभेदों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा, "उम्मीदवारों के चयन को लेकर विपक्ष का यही दर्द है कि राजस्थान कांग्रेस में कोई मतभेद क्यों नहीं हैं। मुझे यकीन है कि आप पायलट के बारे में बात कर रहे हैं। सभी निर्णय सभी नेताओं की राय से हो रहे हैं।" उन्होंने कहा, "हम सभी एकजुट हैं। मैंने उनके (पायलट) किसी भी एक उम्मीदवार का विरोध नहीं किया है।"
भाजपा सांसद ने गहलोत पर साधा निशाना
राजस्थान से भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने मुख्यमंत्री गहलोत के बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "राजस्थान की जनता ने जब आपको जिम्मेदारी दी तो आपकी पार्टी में खींचतान चलती रही। साढ़े 4 साल तक राजस्थान में यही स्थिति रही। अब चुनाव के वक्त अपने स्वार्थ के लिए एक साथ आ गए हैं।" उन्होंने कहा, "अगर आप साथ हैं तो उम्मीदवारों की सूची क्यों जारी नहीं कर रहे? अब आपका समय चला गया है।"
गहलोत के बयान के क्या हैं मायने?
राजस्थान में लंबे समय से मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान चली आ रही है। कांग्रेस आलाकमान ने दोनों नेताओं को आपसी मनमुटाव खत्म करते हुए साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए कहा है। राजस्थान में गुटबाजी की पृष्ठभूमि में गहलोत की ये टिप्पणी महत्वपूर्ण है क्योंकि CWC बैठक में पायलट को न्योता नहीं दिया गया है। इससे एक बार फिर राजस्थान में दोनों के बीच संघर्ष की अटकलें तेज हो गई हैं।
गहलोत और पायलट के बीच क्यों है विवाद?
पिछले राजस्थान चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पायलट और गहलोत के बीच विवाद की शुरुआत हुई थी। उस वक्त पायलट राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष थे और अटकलें थीं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इस बीच पार्टी हाईकमान ने गहलोत को मुख्यमंत्री बनाकर पायलट को उपमुख्यमंत्री का पद दे दिया। पायलट ने 2020 में गहलोत के खिलाफ बगावत करते हुए उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, बाद में कांग्रेस आलाकमान ने स्थिति को संभाल लिया।
राजस्थान में 25 नवंबर को होना है चुनाव
25 नवंबर को राजस्थान में विधानसभा चुनाव का मतदान होना है और नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। राजस्थान में 200 सीटों पर करीब 5.2 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर यहां अभी कोई घोषणा नहीं की है। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 73 और कांग्रेस ने 100 सीटें जीती थीं और यहां तभी से कांग्रेस की सरकार है।