त्रिपुरा: मूल निवासियों की मांगों के 'संवैधानिक समाधान' की प्रक्रिया होगी शुरू, अमित शाह हुए तैयार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के मूल निवासियों के लिए संवैधानिक तरीके से समाधान निकालने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है। उनसे मुलाकात के बाद टिपरा मोथा पार्टी (TMP) के प्रमुख प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने ये बात कही। त्रिपुरा में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद भाजपा और TMP नेताओं के बीच ये बैठक हुई थी। कयास लगाए जा रहे थे कि इसमें भाजपा-TMP के गठबंधन को लेकर भी चर्चा हो सकती है।
देबबर्मा ने कहा- तय समय सीमा में होगा समाधान
देबबर्मा ने ट्वीट कर कहा कि गृह मंत्री ने त्रिपुरा के मूल निवासियों के संवैधानिक समाधान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, 'इस प्रक्रिया के लिए एक वार्ताकार नियुक्त किया जाएगा और यह एक तय समय सीमा में होगा। हमने 23 साल बाद ब्रू समझौते पर हस्ताक्षर कर अपने लोगों को राज्य में सफलतापूर्वक पुनर्वासित किया। आज हमने अस्तित्व की रक्षा के लिए एक विशाल संवाद शुरू किया है। इसके लिए मैं गृह मंत्री को धन्यवाद देता हूं।"
गठबंधन को लेकर नहीं हुई कोई चर्चा
देबबर्मा ने ट्वीट में ये भी कहा कि बैठक में गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि TMP भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार में शामिल हो सकती है क्योंकि भाजपा ने चुनाव से पहले पार्टी से गठबंधन को लेकर बातचीत की थी। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के अलावा असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा भी मौजूद रहे।
देबबर्मा बैठक से पहले कहा था- समझौता नहीं किया
देबबर्मा ने बैठक से पहले ट्वीट कर लिखा था कि उन्होंने समझौता नहीं किया है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने माणिक साहा को मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी थी। हालांकि, वे मुख्यमंत्री माणिक साहा के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए।
अलग राज्य की मांग कर रहे हैं देबबर्मा
TMP अध्यक्ष देबबर्मा त्रिपुरा के आदिवासियों के लिए अलग राज्य 'ग्रेटर टिपरा लैंड' की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि आदिवासियों की विरासत, संस्कृति और अधिकार को सुरक्षित करने के लिए त्रिपुरा से अलग होकर एक नया राज्य बनना चाहिए। हालांकि, उनकी इस मांग को राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा और भाजपा के कई नेता नकार चुके हैं। राज्य की करीब 31 प्रतिशत आबादी आदिवासी समाज से आती है।
अपने पहले चुनाव में TMP ने किया शानदार प्रदर्शन
त्रिपुरा के हालिया विधानसभा चुनाव में पहली बार उतरी टिपरा मोथा 13 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रही। टिपरा मोथा ने 42 सीटों पर चुनाव लड़ा था। खास बात ये है कि TMP ने किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया था और पार्टी प्रमुख देबबर्मा ने खुद भी चुनाव नहीं लड़ा। बता दें कि त्रिपुरा विधानसभा में कुल 60 सीटों में से अनुसूचित जनजातियों के लिए 20 सीटें आरक्षित हैं।
कौन हैं प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा?
प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा का जन्म 4 जुलाई, 1978 को त्रिपुरा के शाही परिवार में हुआ था। उनके पिता किरीट बिक्रम किशोर देब बर्मा 3 बार कांग्रेस से सांसद रहे और मां बिभू कुमारी देवी दो बार कांग्रेस विधायक और त्रिपुरा सरकार में मंत्री रहीं। 2019 में माणिक्य देबबर्मा को भी त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। हालांकि, कुछ समय बाद ही उन्होंंने ये पद छोड़ दिया और 2021 में TMP का गठन किया।