शीतकालीन सत्र के लिए राज्यसभा सांसदों को निर्देश; नोटिस सार्वजनिक न करें, नारेबाजी से बनाएं दूरी
4 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के लिए राज्यसभा सांसदों को कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सांसदों को कहा गया है कि वे राज्यसभा में उठाए जाने वाले विषयों के नोटिस पहले से सार्वजनिक नहीं किए जाने चाहिए। साथ ही सदन में थैंक्स, थैंक्यू, जय हिन्द और वंदे मातरम जैसे नारे न लगाएं। इन निर्देशों के पीछे संसदीय परंपराओं और तौर-तरीकों का हवाला दिया गया है।
सांसदों को क्या निर्देश जारी किए गए?
NDTV के मुताबिक, सांसदों को कहा गया है कि जब तक सभापति नोटिस स्वीकृत न करें और इसकी जानकारी अन्य सांसदों को न दे दें, तब तक इसे सार्वजनिक न किया जाए। इसके अलावा सदस्यों को लिखित भाषण न पढ़ने की भी सलाह दी गई है। सदन में सदस्यों को विशेष तौर पर उपस्थित होने को कहा गया है। अगर बिना अनुमति के कोई सांसद 60 दिनों तक अनुपस्थित रहता है तो उसकी सीट खाली घोषित की जा सकती है।
सभापति के भाषण के दौरान न करें शोर
सांसदों को निर्देश दिए गए हैं कि जब सभापति बोल रहे हों तब वे सदन न छोड़े। सभापति के बोलते समय सदन में शांति होनी चाहिए और सदस्य अपनी सीट पर ही बैठे रहें। एक साथ 2 सांसदों को न खड़ा न होने को भी कहा गया है। इसके अलावा सदस्यों को सीधे सभापति के पास न जाने को कहा गया है। सभापति के ध्यानाकर्षण के लिए सदस्य अटेंडेंड के हाथों पर्ची भेज सकते हैं।
सत्र में 18 विधेयक होंगे पेश
शीतकालीन सत्र के लिए केंद्र सरकार ने 18 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। इनमें महिला आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों को जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी तक बढ़ाने संबंधी 2 और आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए 3 विधेयक शामिल हैं। इसके अलावा चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से संबंधित विधेयक, बॉयलर विधेयक, करों का अस्थायी संग्रह विधेयक, केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) संशोधन विधेयक भी पेश किए जाएंगे।
महुआ मोइत्रा से जुड़ी रिपोर्ट भी पेश होगी
संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक चलेगा। इन 19 दिनों के दौरान सदन की 15 बैठकें होंगी। इससे पहले सरकार ने 2 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जो सुबह 11 बजे से शुरू होगी। इसमें सत्र के एजेंडे को लेकर सभी पार्टियों से चर्चा की जाएगी। वहीं, सत्र के दौरान रिश्वतकांड में घिरीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़ी आचार समिति की रिपोर्ट भी पेश की जा सकती है।