विश्व संगीत दिवस: जानें क्या है इस दिन को मनाने का कारण और महत्व
कहा जाता है कि संगीत हर जगह है, पक्षियों के चहचहाने से लेकर बारिश की बूंदों के टपकने तक में। हवा के बहने से उससे हिलने वाले पत्तों तक में, जमीन पर पड़े सूखे पत्तों के टकराने से निकलने वाली ध्वनि में भी संगीत है। हम यह सब आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि आज संगीत को समर्पित दिवस यानी विश्व संगीत दिवस (World Music Day) है। आइए जानते हैं कि इसकी शुरुआत कैसे हुई और इसका क्या महत्व है।
विश्व संगीत दिवस क्यों मनाया जाता है?
वैसे इस दिन की शुरुआत संगीत की सुखदायक प्रकृति के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हुई थी, लेकिन इसके मनाने के दो और कारण भी हैं। पहला कारण अलग-अलग तरीके से म्यूजिक का प्रोपेगैंडा तैयार करने के साथ-साथ एक्सपर्ट और नए कलाकारों को एक मंच पर लाना है। वहीं, दूसरा कारण लोगों को संगीत की विभिन्न शैलियों के बारे में और दुनिया भर से संगीत के विभिन्न रूपों के बारे में जागरूक करना है।
विश्व संगीत दिवस का इतिहास
विश्व संगीत दिवस की शुरुआत साल 1982 में आज ही के दिन फ्रांस में हुई थी। इस वजह से सही मायनों में इस दिवस को Fête de la Musique कहा जाता है। दरअसल साल 1982 फ्रांस में संगीत की दीवानगी लोगों पर इस कदर चढ़ी कि उस समय के सांस्कृतिक मंत्री ने संगीत दिवस मनाने की घोषणा कर दी। इस खास दिवस पर दुनियाभर के बड़े कलाकार कार्यक्रम प्रस्तुत करते और परफॉर्म करने के पैसे नहीं लेते।
जीवन के हर समय का साथी है संगीत
संगीत के महत्व को शब्दों में बयां करना इतना आसानी नहीं है क्योंकि किसी के लिए संगीत साधन तो किसी के लिए साधना है। कठिन समय में किसी के लिए जीने का हौंसला तो बुरे दौर में किसी की ताकत और राहत। दरअसल, संगीत एक ऐसा माध्यम है जो हमारे जीवन में कई मोड़ पर हमारी जरूरतों को पूरा करता है। साफ सब्दों में कहा जाए तो जिंदगी का वजूद ही संगीत से जुड़ा हुआ है।
संगीत से मिलते हैं स्वास्थ्यवर्धक लाभ
रोजाना सुबह-शाम कुछ देर तक संगीत सुनने से उच्च रक्तचाप की बीमारी में सुधार होता है, वहीं धीमी गति का संगीत सुनने से स्ट्रोक की समस्या दूर होती है। इसके अलावा संगीत सुनने से दिमाग को शांति मिलती है जिसके कारण तनाव और अनिद्रा की समस्या से छुटकारा मिलता है। इसी प्रकार संगीत शरीर की कई बीमारियों का इलाज करने में भी सहायक है क्योंकि यह आत्मा का उन्नयन करता है।