विश्व इमोजी दिवस 2023: जानिए इसका इतिहास, महत्व और अन्य महत्वपूर्ण बातें
पिछले कुछ वर्षों में इमोजी संचार का एक माध्यम बन गए हैं। लोग अपनी भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को व्यक्त करने के लिए इनका उपयोग करते हैं। इमोजी ने वास्तव में इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और ट्विटर जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हमारे संचार को थोड़ा आसान बना दिया है। हर साल 17 जुलाई को दुनियाभर में विश्व इमोजी दिवस मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य बातचीत में इमोजी के उपयोग को बढ़ावा देना है। आइए इस दिवस से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
साल 2014 से हुई विश्व इमोजी दिवस मनाने की शुरूआत
साल 2014 में इमोजीपीडिया के संस्थापक जेरेमी बर्ज ने घोषणा की कि 17 जुलाई को विश्व इमोजी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 17 जुलाई का इमोजी से एक विशेष संबंध है क्योंकि यह वह तारीख है, जो ऐपल और गूगल सहित अधिकांश प्लेटफार्मों पर उपलब्ध 'कैलेंडर इमोजी' पर दिखाई देती है। यह विशिष्ट इमोजी 17 जुलाई को प्रदर्शित किए जाते हैं। यही कारण है कि इस दिन को विश्व इमोजी दिवस का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था।
जापान में बनाया गया था पहला इमोजी
साल 1999 में पहला इमोजी एक जापानी मोबाइल ऑपरेटिंग कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर शिगेताका कुरीता द्वारा बनाया गया था। शिगेताका ने मोबाइल एकीकृत सेवा आई-मोड जारी करने के लिए 176 इमोजी बनाए थे। इसके बाद में साल 2010 में यूनिकोड ने इमोजी के उपयोग को मानकीकृत कर दिया, फिर गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर और फेसबुक जैसे वैश्विक ब्रांडों ने इमोजी के अपने संस्करण बनाना शुरू कर दिया।
विश्व इमोजी दिवस मनाने का महत्व
विश्व इमोजी दिवस महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इमोजी को एक वैश्विक भाषा के रूप में मान्यता देता है। इसका उपयोग सामान्य भाषा और सांस्कृतिक सीमाओं के पार विचारों, भावनाओं और संदेशों को प्रकट करने के लिए किया जा सकता है। इमोजी आधुनिक संचार का एक अभिन्न अंग बन गए हैं, जो टेक्स्ट बेस्ड इंटरैक्शन को जीवंत और भावनाएं बयां करने वाली गुणवत्ता प्रदान करते हैं। विश्व इमोजी दिवस की शुरुआत से ही दुनियाभर में इसकी लोकप्रियता बढ़ी है।
कैसे मिलती है इमोजी को मंजूरी?
यूनिकोड कंसोर्टियम हर साल इमोजी की सूची पब्लिश करता है। एक बार इमोजी के पब्लिश होने के बाद एंड्रॉइड और iOS जैसे मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम इसे अपने प्लेटफार्मों पर पेश करते हैं और लोग उनका उपयोग करते हैं। यूनिकोड कंसोर्टियम में ऐसे सदस्य हैं, जो आधिकारिक तौर पर पेश होने वाली इमोजी को सबमिट करते हैं और वोट देते हैं। इनमें नेटफ्लिक्स, ऐपल, फेसबुक, गूगल, टिंडर और ट्विटर शामिल हैं।