#WorldEmojiDay: भारत में सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा इस्तेमाल हुई 'किस' वाली इमोजी, ऐसे हुआ ख़ुलासा
सोशल मीडिया के इस दौर में जिसे देखो वही फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करता हुआ दिख जाता है। पहले लोग इन प्लेटफ़ॉर्म पर लिखकर अपनी भावनाएँ ज़्यादा ज़ाहिर करते थे, लेकिन अब उनकी जगह इमोजी ने ले ली है। सोशल मीडिया पर हँसने, रोने, प्यार, ग़ुस्सा दिखाने वाले कई तरह के इमोजी उपलब्ध हैं। अगर भारत की बात करें तो यहाँ सबसे ज़्यादा 'किस' वाली इमोजी का इस्तेमाल होता है। आइए अन्य बातें जानें।
रिपोर्ट से हुआ ख़ुलासा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक रिपोर्ट में यह ख़ुलासा हुआ है कि ज़्यादातर भारतियों द्वारा इन सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर आँसुओं के साथ हँसने और ब्लोइंग किस देने वाले इमोटिकॉन्स सबसे ज़्यादा पसंद किए जाते हैं।
बोबल AI ने साझा की इमोजी से जुड़ी रिपोर्ट
17 जुलाई को पूरे विश्व में वर्ल्ड इमोजी डे मनाया जाता है। इससे ठीक एक दिन पहले टेक कंपनी बोबल AI ने एक रिपोर्ट साझा की। इस रिपोर्ट के अनुसार, 'ख़ुशी के आँसू' और 'ब्लोइंग किस' वाली इमोजी को भारत में स्मार्टफोन यूज़र बातचीत करते समय सबसे ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा स्माइलिंग फेस विद हार्ट आईज, किस मार्क, ओके हैंड, लाउडली क्राइंग फेस, बीमिंग फेस विद स्माइलिंग, थम्स-अप, फ़ोल्डेड हैंड जैसे इमोजी का भी इस्तेमाल किया जाता है।
डेटिंग ऐप पर प्रसिद्ध हैं ए विंक और खाने का मज़ा लेने वाले इमोजी
कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारों और राष्ट्रीय पर्वों के दौरान इमोटिकॉनस के इस्तेमाल में काफ़ी प्रयोग देखने को मिलता है। वहीं, डेटिंग ऐप में ए विंक करते इमोजी और खाने का मज़ा लेते हुए इमोजी का इस्तेमाल ज़्यादा होता है।
धीरे-धीरे डिजिटल संस्कृति का हिस्सा बनते जा रहे हैं इमोजी
रिपोर्ट में यह दावा किया गया है, "डेटिंग ऐप में बातचीत के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली इमोजी को ख़ुशी ज़ाहिर करने और फ़्लर्ट एवं रोमांटिक होने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।" बोबल AI के सह-संस्थापक अनित प्रासाद ने IANS से कहा, "इमोजी धीरे-धीरे हमारे डिजिटल संस्कृति का हिस्सा बनते जा रहे हैं और एक-दूसरे से बात करने के लिए एक नया रास्ता दिखा रहे हैं।" रिपोर्ट में 2018 से अब तक के आँकड़ों को शामिल किया गया है।
इमोजी का इतिहास
आपको बता दें कि सबसे पहले इमोजी का इस्तेमाल याहू मैसेंजर में किया गया था। इसके बाद इमोजी का इस्तेमाल व्यापक रूप से हो गया, क्योंकि इसे 2010 में मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए बनाया गया था, लेकिन इसके इतिहास की बात करें, तो वो 1998 से पहले का है। सबसे पहले इमोजी जापानी मोबाइल ऑपरेटर NTT Docomo में काम करने वाले एक इंजीनियर शिगेताका कुरिता (Shigetaka Kurita) ने बनाया था।
कैसे मिलती है इमोजी को मंज़ूरी
यूनिकोड कंसोर्टियम हर साल इमोजिस की सूची पब्लिश करता है। एक बार इमोजी के पब्लिश होने के बाद एंड्रॉइड और iOS जैसे मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम इसे अपने प्लेटफार्मों पर पेश करते हैं और लोग उनका इस्तेमाल करते हैं। यूनिकोड कंसोर्टियम में ऐसे सदस्य हैं, जो आधिकारिक तौर पर पेश होने वाली इमोजी को सबमिट करते हैं और वोट देते हैं। इनमें से कुछ सदस्यों में नेटफ्लिक्स, ऐप्पल, फेसबुक, गूगल, टिंडर और ट्विटर शामिल हैं।