बढ़ती उम्र के साथ कैसे बदल जाती है दोस्ती, जानिए 5 कारण
बढ़ती उम्र के साथ समय एक बहुमूल्य संसाधन बन जाता है और आप केवल अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को ही पूरा करने में लग जाते हैं। जैसे ही आप या आपका दोस्त इन जिम्मेदारियों के बीच उलझते हैं, आप दोनों एक-दूसरे को समय नहीं दे पाते और धीरे-धीरे दोस्ती सिर्फ नाम मात्र की रह जाती है। आइए फ्रेंडशिप डे पर जानते हैं कि ऐसे कौन से 5 बड़े कारण हैं, जो दोस्तों में दूरियां पैदा करने लगते हैं।
बदल जाती हैं प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धताएं
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, आप एक के बाद एक जिम्मेदारियां उठाना शुरू कर देते हैं। खासतौर से 20 और 30 की उम्र अक्सर करियर बनाने या परिवार शुरू करने पर ध्यान केंद्रित करने का समय होता है। इस दौरान कई लोग अपनी वित्तीय और भावनात्मक स्वतंत्रता स्थापित करना शुरू करते हैं और दोस्ती को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारी बदलती प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धताएं दोस्ती के आड़े आने लगती हैं।
एक-दूसरे से न मिल पाना
जब हम छोटे होते हैं तो परिस्थितियां हमें हर दिन उन्हीं लोगों को देखने के लिए प्रेरित करती हैं, जिनके साथ हमें समय बिताना अच्छा लगता है, खासतौर से हमारे दोस्त। हालांकि, जवानी में ग्रेजुएशन के बाद काम या अन्य परिस्थितियों के कारण दोस्तों से ज्यादा मिलना नहीं हो पाता और उनसे दूरी बनने लगती है। इस अवधि के दौरान दोस्तों से संपर्क बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता होती है।
टेक्नोलॉजी भी पैदा कर रही दूरी
इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से दोस्तों के साथ वर्चुअली जुड़े रहना आसान है क्योंकि वे बस एक क्लिक की दूरी पर हैं। हालांकि, इसके कारण खास मौकों पर भी दोस्त एक-दूसरे से मिलने की बजाय कोट्स आदि भेजकर त्योहार और खास दिन मना लेते हैं। आप ऐसा न करें और खास अवसरों पर टेक्नोलॉजी से दूरी बनाते हुए अपने दोस्तों से मिलिए।
बातचीत न हो पाना
बेशक आपकी परिस्थितियां ऐसी न हो कि आप रोजाना अपने दोस्तों से बात कर सकें, लेकिन हफ्ते में 1 बार या महीने में 2 बार उनसे संपर्क करें। जीवन में सच्चा और अच्छा दोस्त मिलना कठिन होता है और अगर आपको वह मिला है तो उसके साथ बने रहिए। वे आपके इतिहास, आपकी हरकतों और विशिष्टताओं को जानते हैं, फिर भी आपसे प्यार करते हैं, बस उनके प्रति भरोसा बनाए रखें।
दोस्ती को न समझें जटिल
जैसे-जैसे हम बड़े होने लगते हैं, अपने दोस्तों को जज करना शुरू कर देते हैं कि उसने यह नहीं किया और उसे ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी। हालांकि, आप अपनी दोस्ती को जटिल न समझें, बल्कि बचपन की तरह छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करें। इस तरह से आपको अपने दोस्तों को बेहतर तरीके से जानने और उनके साथ और भी गहरा संबंध विकसित करने का मौका मिलता है।