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सैल्मन मछली के DNA से फेशियल करवाने का नया ट्रेंड, क्या यह सच में है कारगर 

सैल्मन मछली के DNA से फेशियल करवाने का नया ट्रेंड, क्या यह सच में है कारगर 

लेखन सयाली
Sep 14, 2024
12:42 pm

क्या है खबर?

किम कार्दशियन ने वैम्पायर फेशियल के बाद अब त्वचा की देखभाल का एक नया ट्रेंड शुरू कर दिया है। इस ट्रेंड का नाम है 'सैल्मन फेशियल', जिसे करने का तरीका बेहद ही विचित्र है। इस फेशियल में त्वचा को निखारने और बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने के लिए सैल्मन मछली के सीमन का इस्तेमाल किया जाता है। इसे हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री जेनिफर एनिस्टन ने भी अपनाया था। आइए इस फेशियल के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सैल्मन फेशियल

सैल्मन फेशियल के लिए इस्तेमाल होता है सैल्मन मछली का DNA

खूबसूरती को निखारने की इस नई तकनीक में प्राथमिक सक्रिय घटक सैल्मन शुक्राणु से निकाला गया डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) होता है। इसे सोडियम DNA कहा जाता है, जिसे सुई की मदद से त्वचा में भरा जाता है। इस DNA में न्यूक्लियोटाइड होते हैं, जो त्वचा में प्रवेश करके उसे अधिक चमकदार और मुलायम बना देते हैं। यह प्रक्रिया सुनने में बेहद अजीब लगती है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इसे पसंद कर रहे हैं।

प्रक्रिया

जानिए सैल्मन फेशियल करने की संपूर्ण प्रक्रिया

सैल्मन फेशियल करने से पहले त्वचा को एक क्लीनजर की मदद से अच्छी तरह साफ किया जाता है। इसके बाद त्वचा पर एक सौम्य स्क्रब इस्तेमाल होता है, जिससे सारी गंदगी दूर हो सके। अब सैल्मन मछली के सीमन से निकाले गए DNA को किसी सीरम की तरह चेहरे पर लगाया जाता है। इसके अलावा, इसे सुई की मदद से त्वचा के अंदर भरा भी जा सकता है। जानिए त्वचा की देखभाल के लिए रेड लाइट थेरेपी के फायदे

फायदे

सैल्मन फेशियल करवाने से त्वचा को हो सकते हैं ये फायदे

स्वास्थ्य विशेषज्ञों और हॉलीवुड की हस्तियों की मानें तो सैल्मन फेशियल के जरिए त्वचा को अंदरूनी तौर पर हाइड्रेट किया जा सकता है। सैल्मन मछली के DNA को त्वचा में भरवाने से नई त्वचा कोशिकाओं का निर्माण होता है, जिससे त्वचा मुलायम हो जाती है। साथ ही इसके जरिए झुर्रियां, झाइयां और महीन रेखाओं जैसे बढ़ती उम्र के लक्षण भी आसानी से दूर हो जाते हैं। यह फेशियल त्वचा को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से भी बचाता है।

हानिकारक प्रभाव

सैल्मन फेशियल के होते हैं ये हानिकारक प्रभाव

सैल्मन फेशियल करवाने के फायदे तो होते हैं, लेकिन इसके कई हानिकारक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। कई लोगों को इस फेशियल के जरिए एलर्जी हो सकती है, जिसके कारण उनका चेहरा लाल पड़ सकता है या उन्हें खुजली हो सकती है। साथ ही इस नए तरह के फेशियल को करवाने से पहले सैल्मन मछली के DNA की प्रामाणिकता जांचना बेहद जरूरी है। ऐसा न करने पर आपकी त्वचा और संपूर्ण स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।

जानकारी

तुरंत नहीं दिखाई देगा इस फेशियल का असर

सैल्मन फेशियल का असर एक बार में दिखाई नहीं देता है। आपको हर 6 महीने बाद कम से कम 3 बार यह फेशियल करवाने के बाद ही अपनी त्वचा में बदलवा नजर आने लगेगा।