इको फ्रेंडली होली मनाना चाहते हैं तो फॉलो करें ये टिप्स
क्या है खबर?
इस साल धुलेंडी यानि बड़ी होली 29 मार्च को मनाई जाएगी और हर कोई इसका उत्सुकता से इंतजार कर रहा है।
हालांकि इस बार इस त्योहार को मनाने का तरीका थोड़ा अलग होगा और कोरोना वायरस के कारण लोगों को हर तरह से सतर्क रहना होगा। इसके अलावा होली के दिन केमिकल युक्त रंगों से दूरी बनाकर रखना भी बेहतर होगा।
चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आप कैसे एक ईको फ्रेंडली होली मना सकते हैं।
#1
रंगों की बजाय फूलों से मनाएं होली
बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि रंगों के बिना होली नहीं खेली जा सकती, लेकिन आप चाहें तो रंगों की जगह फूलों का इस्तेमाल होली खेलने के लिए कर सकते हैं।
शायद आप इस बात से वाकिफ न हों, लेकिन भारतीय शास्त्रों में भी फूलों की होली का उल्लेख किया गया है। इस हिसाब से यह तरीका काफी पुराना है।
ऐसे में इस बार यह तरीका अपनाकर अपनी होली को यूनिक बना दीजिए।
#2
ऑर्गेनिक रंगों का करें इस्तेमाल
अगर आपका फूलों से होली खेलने का मन नहीं है तो ऐसे में आप ऑर्गेनिक रंगों के विकल्प को भी अपना सकते हैं। ये रंग फूलों की मदद से बनाए जाते हैं।
दरअसल, ऐसे कई फूल होते हैं जिनकी मदद से गुलाल या फिर अन्य कई तरह के रंग बनाए जा सकते हैं। इनकी सबसे अच्छी बात यह है कि इनके इस्तेमाल से त्वचा और बालों पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता है।
#3
तिलक के तौर पर लगाएं रंग
आमतौर पर कई लोग होली के दिन एक-दूसरे पर रंग या फिर पानी उड़ेल देते हैं, लेकिन कोराना काल में ऐसा बिल्कुल न करें।
इसके बजाय आप एक दूसरे के गाल या फिर माथे पर गुलाल से तिलक लगा सकते हैं। इससे एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
इसके अलावा इससे आप न सिर्फ केमिकल युक्त रंगों से बच सकते ,हैं बल्कि पानी को भी बर्बाद होने से बचा सकते हैं।
#4
तरह-तरह के पकवानों और गानों से उठाएं होली का लुत्फ
आप चाहें तो रंगों की कशमकश को छोड़ तरह-तरह के पकवानों और गानों के जरिए भी होली का आनंद ले सकते हैं।
इसके लिए आप अपने परिवारवालों के साथ कांजी वड़ा, दही वड़ा और गुजिया जैसे होली विशेष पकवानों का स्वाद ले सकते हैं और गानों पर थिरककर होली के दिन को यादगार बना सकते हैं।
आपके इस कार्यक्रम के लिए घर की छत एक बेहतरीन जगह हो सकती है।