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गुस्सा नियंत्रित करना चाहते हैं तो इन योग मुद्रा का करें अभ्यास, देखें वीडियो

गुस्सा नियंत्रित करना चाहते हैं तो इन योग मुद्रा का करें अभ्यास, देखें वीडियो

लेखन अंजली
Nov 14, 2019
07:44 pm

क्या है खबर?

अगर आप अपने गुस्से को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं और अपने आसपास की वस्तुओं को तोड़ने लगते हैं, तो इससे आप खुद को ही मानसिक और शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं गुस्सा आपके काम और निजी संबंधों में तनाव पैदा करता है और आपके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए आज हम आपको कुछ योग मुद्राओं के बारे में बताएंगे, जिनके अभ्यास से गुस्सा नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जानें।

#1

सेपना मुद्रा

सेपना मुद्रा करने के लिए सुखासन की स्थिति में बैठकर अपनी हथेलियों को एक साथ रखें व ध्यान रखें कि आपकी पांचों उंगुलियां एक साथ हों। अब अपनी इंडेक्स फिंगर को एक साथ रखते हुए अन्य सभी अंगुलियों को मोड़ें और आपस में बांध लें, फिर इस मुद्रा को नीचे की तरफ मोड़ लें। पांच मिनट तक इसी स्थिति में रहें व सामान्य हो जाएं। सेपना मुद्रा के अभ्यास से डिप्रेशन और तनाव को कम करने में मदद मिलती है।

#2

ज्ञान मुद्रा

ज्ञान मुद्रा का अभ्यास करने के लिए पद्मासन की स्थिति में बैठें और अपने हाथों को अपनी गोद के पास आगे की ओर रखें। अब अपनी सभी अंगुलियों को बढ़ाते हुए अपनी तर्जनी और अंगूठे को एक साथ मिलाएं और आंखों को बंद कर लें। पांच मिनट तक इसी स्थिति में रहें व धीरे-धीरे आंखों को खोलते हुए सामान्य हो जाएं। इस मुद्रा के अभ्यास से आपका रूट चक्र सक्रिय होगा और मन को शांत करने में मदद मिलेगी।

#3

शक्ति मुद्रा

इस मुद्रा के अभ्यास के लिए सबसे पहले पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं। अब अपने हाथों को एक मुट्ठी की तरह बनाएं व अपने दोनों हाथों के अंगूठे को दूसरी उंगुलियों पर रखें। गुस्से से राहत पाने के लिए इस मुद्रा को पांच से दस मिनट तक करें, फिर सामान्य हो जाएं। इस मुद्रा के जरिए गुस्सा, निराशा, चिड़चिड़ापन और नकारात्मक भावनाओं जैसे मनोभावों को कम करने में मदद मिलती है।

#4

उनमानी मुद्रा

इस मुद्रा के अभ्यास के लिए पद्मासन की स्थिति में बैठकर आंखें बंद कर लें। अब अपने भौहों के बीच के हिस्से पर अपना सारा ध्यान केंद्रित करें, जिसे तीसरी आंख के रूप में भी जाना जाता है और अपने मन से बाकी सारे विचार निकाल दें। दो मिनट तक इसी स्थिति में बनें रहें व धीरे-धीरे आंखों को खोलते हुए सामान्य हो जाएं। इससे तनाव और उससे संबंधित विकार जैसे गुस्से को कम करने में सहायता मिलती है।