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मानसून में पैरों की ये समस्याएं होना है सामान्य, जानिए असरदार उपचार
मानसून में होने वाली पैरों की समस्याएं और उनके उपचार

मानसून में पैरों की ये समस्याएं होना है सामान्य, जानिए असरदार उपचार

लेखन अंजली
Jun 30, 2023
08:38 pm

क्या है खबर?

मानसून का मौसम तब तक आनंददायक लगता है जब तक आपको जमाव पानी, पसीने, गंदे गड्ढों और कीचड़ से गुजरना न पड़े। अगर आपके पैर लगातार इन चीजों के संपर्क में आते है तो इनमें मौजूद बैक्टीरिया के कारण आपको इंफेक्शन, एलर्जी, खुजली और दुर्गंध जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ये समस्याएं मानसून में होना सामान्य है, लेकिन आप चाहें तो कुछ घरेलू नुस्खों के जरिए इनसे राहत पा सकते हैं।

#1

इस तरह से पैरों की दुर्गंध को करें दूर 

मानसून में सड़कों और गलियों में इकट्ठे हुए पानी में पैर जाना आम बात है, लेकिन गंदा पानी आपके जूतों में प्रवेश कर सकता है। इसके कारण पैरों से बदबू आ सकती है। इससे बचने के लिए सेब के सिरके का उपयोग करें क्योंकि यह गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने में सहायक होता है। लाभ के लिए गर्म पानी की एक बाल्टी में थोड़ा सेब का सिरका मिलाकर इसमें पैरों को 10-15 मिनट के लिए भिगोएं।

#2

खुजली वाले पैरों से ऐसे पाएं छुटकारा

मानसून में उमस भरी जलवायु परिस्थितियों के कारण पैरों में पसीना आ सकता है या गंदे पानी से संक्रमण हो सकता है। इससे खुजली होना सामान्य बात है। इस समस्या से राहत पाने के लिए सबसे अच्छे प्राकृतिक और घरेलू उपचारों में से एक है कि आप प्रभावित पैर पर कोल्ड पैक लगाएं या ओटमील पाउडर और पानी का पेस्ट लगाकर पैरों को 5-10 मिनट के बाद साफ पानी से धो लें।

#3

फटे पैरों से राहत पाने का तरीका

गंदे पानी के संपर्क में आने से पैरों की त्वचा खराब हो सकती है, जिससे एड़ियां फट सकती हैं और उनमें रूखापन आ सकता है। इसे ठीक करने के लिए आप शहद का उपयोग कर सकते है क्योंकि यह एक प्राकृतिक एंटी-सेप्टिक उत्पाद है, जो त्वचा को भरपूर नमी देने सहित फटी एडियों को जल्द भर सकता है। लाभ के लिए गर्म पानी में थोड़ा शहद मिलाएं, फिर इससे प्रभावित क्षेत्र की मालिश करें।

#4

एथलीट फुट का इलाज

एथलीट फुट को टोनेल फंगस या फिर ऑनिकोमाइकोसिस भी कहा जाता है। यह एक सामान्य फंगल संक्रमण है, जिसमें नाखूनों का रंग फीका हो जाता है और वो खुरदरे या टेढ़े हो जाते हैं। इस समस्या से राहत पाने के लिए टी ट्री ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। लाभ के लिए टी ट्री ऑयल को नारियल के तेल के साथ मिलाएं और इसे रूई की मदद से प्रभावित क्षेत्रों पर रोजाना दो बार लगाएं।