प्रदूषण के कारण सांस लेने में तकलीफ हो तो करें ये काम, दूर हो जाएगी समस्या
प्रदूषण के चलते हवा में धुंध बढ़ने लगता है जिसके कारण कई लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है। दिवाली के मौके पर तो अस्थमा और ब्रीदिंग एलर्जी वाले लोगों के लिए यह समस्या और भी बढ़ जाती है क्योंकि इस दौरान प्रदूषण अपने चरम पर रहता है। अमेरिकी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ NIH की रिपोर्ट में कुछ ऐसे तरीके बताए गए हैं जो समझाते हैं कि आखिर कैसे आप प्रदूषण के समय आसानी से सांस ले सकते हैं।
वातावरण का तापमान गर्म हो तो घर से बाहर न निकलें
NIH की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र मिलता है कि दोपहर यानी गर्म वातावरण में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा होता है और ऐसे में प्रदूषण के कण फेफड़ों में जाकर जलन पैदा कर सकते हैं जिसके कारण सांस फूलने की समस्या भी बढ़ सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि अस्थमा या फिर ब्रीदिंग एलर्जी से ग्रस्त लोग इस समय घर से बाहर निकलने से बचें और अधिक से अधिक पानी का सेवन करें। इससे आपको नेचुरल ऑक्सीजन मिलेगी।
AQI के हिसाब से बनाएं योजना
AQI यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक, जिससे वायु की गुणवत्ता मापी जाती है। अगर आपके इलाके का AQI बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है तो अपनी गतिविधियों की योजना कुछ इस तरह बनाएं कि आपको घर से अधिक बाहर न निकलना पड़े। खासकर अगर आपके इलाके में AQI लाल या ऑरेंज है तो बाहर जाकर प्राणायाम या फिर एक्सरसाइज न करें। इसके अलावा बिना मास्क के बाहर न निकलें और घर पर भी एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
घर के प्रदूषण को कम करने की करें कोशिश
अगर आप सोचते हैं कि बाहर के प्रदूषण से आपका घर आपको बचाता है तो आप शायद गलत हैं क्योंकि इसी प्रदूषण के कारण घर की हवा भी खराब होने लगती है। हालांकि आप कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके आप अपने घर को प्रदूषण मुक्त बना सकते हैं। उदाहरण के लिए, अपने घर का वेंटिलेशन सही करें, घर में हवा को शुद्ध करने वाले पौधे लगाएं और ऐसी किसी चीज का इस्तेमाल न करें जिससे घर में धुआं हो।
अगर ब्रीदिंग अटैक आ रहा है तो तुरंत ये काम करें
अधिक प्रदूषण होने पर अस्थमा रोगियों और ब्रीदिंग एलर्जी वाले लोगों को न सिर्फ सांस लेने में परेशानी होने लगती है, बल्कि उन्हें ब्रीदिंग अटैक आने का खतरा भी रहता है। अगर आप अस्थमा या फिर ब्रीदिंग एलर्जी से ग्रस्त हैं तो हर समय अपना इंहेलर अपने पास रखें। इसके अतिरिक्त अपने पास एक ब्रीदिंग बैग रखें और डॉक्टर के पास पहुंचने तक इसका इस्तेमाल करें। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई दवा खाएं।