विश्व अस्थमा दिवस: जानें अस्थमा के लक्षण, बचाव के उपाय और अन्य महत्वपूर्ण बातें
विश्व अस्थमा दिवस हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। आधुनिकीकरण और बढ़ते प्रदूषण का नकारात्मक प्रभाव न सिर्फ वातावरण, बल्कि इंसान को बाहरी और आंतरिक रूप से भी प्रभावित करता है। इसका सबसे बुरा असर श्वसन तंत्र पर पड़ता है, जिससे अस्थमा जैसी सांस संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। अस्थमा प्रदूषित वातावरण समेत खान-पान से जुड़ी लापरवाही और आनुवंशिक रूप से भी हो सकता है। आइए इसके लक्षण, बचाव के उपाय और अन्य बातें जानें।
अस्थमा क्या है और इससे कौन सी उम्र के लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं?
अस्थ्मा फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है, जिसमें सांस लेने में तकलीफ होती है। इस स्थिति में श्वास नलियों में सिकुडन और सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से फेफड़ों तक ऑक्सीजन ठीक प्रकार से नहीं पहुंच पाता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है और सीने में जकड़न शुरू हो जाती है। अस्थमा किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। लेकिन आज के समय में यह बीमारी सबसे ज्यादा बच्चों में देखी जा रही है।
मुख्य रूप से अस्थमा के होते हैं चार प्रकार
1) एलर्जिक अस्थमा: जब प्रदूषित वातावरण के कारण एलर्जी पैदा करने वाले हानिकारक तत्व शरीर में अपना घर बना लेते हैं तो उनसे एलर्जिक अस्थमा होता है। 2) एक्सरसाइज इंड्यूज अस्थमा: शारीरिक गतिविधियों को करने में शरीर को मुश्किल होना, एक्सरसाइज इंड्यूज अस्थमा की वजह होती है। 3) कफ वेरिएंट अस्थमा: यह श्वसन संक्रमण की वजह से होता है। 4) ऑक्यूपेशनल अस्थमा: जब अस्थमा किसी विशेष काम को करने से होता है, तो उसे ऑक्यूपेशनल अस्थमा कहा जाता है।
इन कारणों की वजह से हो सकता है अस्थमा
अस्थमा तब अटैक करता है, जब सांस की नलियों में सूजन के साथ मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं, जिसके कारण ये हो सकते हैं: 1) अगर परिवार में किसी सदस्य को अस्थमा हो। 2) आनुवंशिक रूप से मिलने वाली एलर्जी जिसे अटॉपी कहते हैं। 3) बचपन में श्वसन तंत्र संबंधी संक्रमण। 4) नवजात अवस्था में किसी वायरल इंफ्केशन के संपर्क में आना। 5) धूल कणों के संपर्क में आने से। 6) धूम्रपान करने से। 7) मौसम में बदलाव होने से।
अस्थमा के सामान्य और गंभीर लक्षण
अस्थमा के सामान्य लक्षण: 1) खांसी आना। 2) सांस लेने-छोड़ने के दौरान पसलियों के बीच की त्वचा का ऊपर और नीचे होना। 3) सांस लेने में तकलीफ होना खासकर जब एक्सरसाइज की जा रही हो। 4) सांस लेने के दौरान घरघराहट महसूस होना। अस्थमा के गंभीर लक्षण: 1) चेहरे और होंठो का नीला पड़ना। 2) पल्स का तेज होना। 3) अत्याधिक तनाव। 4) पसीना आना। 5) अस्थाई रूप से सांस जाना। 6) सीने में दर्द और सख्तपन महसूस होना।
अस्थमा ग्रसितों की डाइट में जरूर शामिल होने चाहिए ये खाद्य पदार्थ
फल: सेब, कैंटालूप्स, केले, कीवी, अनानास, जामुन और विटामिन-सी युक्त फल। सब्जियां: गाजर, लहसुन, ब्रोकली, स्प्राउट्स, पालक, शकरकंद, अदरक और टमाटर आदि। कई पोषक गुणों से भरपूर खाद्य पदार्थ: कद्दू के बीज, सोया पनीर, सोयाबीन, दालचीनी, सरसों का तेल, नट्स और सूखे अंजीर आदि। इसके अलावा अस्थमा ग्रसित के लिए जौ के आटे के रोटी, दलिया और मूंग दाल भी काफी फायदेमंद है। लेकिन जंक फूड और तले हुए खाद्य पदार्थों से अस्थमा बढ़ता है इसलिए इनसे दूरी बना लें।
अस्थमा के बचाव के आसान उपाय
1) अस्थमा किसी भी समय व्यकित को अपना शिकार बना सकता है, इसलिए समय-समय पर अपना हेल्थ चेकअप करवाते रहे। 2) इन्फ्लूएंजा और निमोनिया अस्थमा का कारण बन सकते हैं, इसलिए इनका टीकाकरण जरूर करवाएं। 3) अस्थमा के लक्षणों की पहचान करके तुरंत अपने फैमिली डॉक्टर से संपर्क करें। 4) अगर आपको अस्थमा का पहला अटैक आ चुका है तो इलाज कराने में बिल्कुल भी देरी न करें। 5) डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों को सही समय पर लें।
कई घातक बीमारियों में से एक है अस्थमा
अस्थमा एक घातक बीमारी है इसलिए इसके शुरूआती लक्षण सामने आते ही सही इलाज जरूर करवाएं, क्योंकि इसके इलाज के अभाव से यह जानलेवा साबित हो सकता है। आप जितना अस्थमा के लक्षणों को लेकर सतर्क रहेंगे, यह बीमारी आपसे उतना दूर रहेगी।