प्राइमर, कंसीलर और फाउंडेशन किस लिए इस्तेमाल होते हैं और इनमें क्या अंतर है?
अगर आप मेकअप की दुनिया में नए हैं तो आपके लिए प्राइमर, फाउंडेशन और कंसीलर के बीच के अंतर को समझना जरूरी है। इन तीनों प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल मेकअप बेस के लिए किया जाता है और इन्हें ढंग से न लगाने पर पूरा लुक बिगड़ सकता है। आइए आज हम आपको इन तीनों मेकअप प्रोडक्ट्स के बीच का अंतर और इनके महत्व को समझाने की कोशिश करते हैं।
प्राइमर के फायदे और इस्तेमाल
प्राइमर त्वचा और मेकअप के बीच एक सुरक्षित परत कायम करता है। इसके अतिरिक्त यह चेहरे पर किए गए मेकअप को लंबे समय तक ठीक रखने और त्वचा को हाइड्रेट करने में भी काफी मदद कर सकता है। आपको हमेशा मॉइस्चराइजर या अपने आखिरी स्किन केयर स्टेप के बाद और अपने मेकअप से पहले प्राइमर लगाना चाहिए। ध्यान रखें कि चेहरे पर एक से दो बूंद प्राइमर लगाना काफी है।
फाउंडेशन क्या काम करता है?
फाउंडेशन लगाना मेकअप रुटीन का दूसरा स्टेप है। सही फाउंडेशन फॉर्मूला त्वचा की रंगत को एक समान दिखाने और डेवी, मैट या नेचुरल जैसी मनचाही फिनिशिंग देने के लिए इस्तेमाल होता है। मेकअप करते समय मुलायम ब्यूटी स्पंज का इस्तेमाल करके अपने चेहरे पर फाउंडेशन लगाएं। ध्यान रखें आज-कल फाउंडेशन कई शेड्स और फॉर्मूलों में उपलब्ध हैं, इसलिए अपनी त्वचा की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इसका चयन करें।
मेकअप में कंसीलर का महत्व
मुंहासों, लालिमा और काले घेरों से लेकर दाग-धब्बों तक, कंसीलर चेहरे की सभी समस्याओं को तुरंत छिपाने के काम आता है। कंसीलर लगाने के लिए कंसीलर ब्रश या अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करें। अगर आप मेकअप के दौरान अपने चेहरे के कुछ हिस्सों को हाइलाइट करना चाहते हैं तो कंसीलर का ऐसा शेड चुनें, जो आपके फाउंडेशन शेड से थोड़ा हल्का हो। काले घेरे और दाग-धब्बे होने पर पीले या नारंगी रंग का कंसीलर चुनें।
प्राइमर, फाउंडेशन और कंसीलर में अंतर
प्राइमर सेट होने के बाद अन्य मेकअप प्रोडक्ट्स को लगाने के लिए एक बेस उपलब्ध करवाता है, जबकि फाउंडेशन आपकी त्वचा के रंग से काफी मिलता-जुलता है और इसे प्राइमर के ऊपर लगाया जाता है, वहीं कंसीलर का इस्तेमाल त्वचा की खामियों को छिपाकर चमक देने में मदद कर सकता है। प्राइमर क्रीमी, जेल और पाउडर में आता है, जबकि फाउंडेशन लिक्विड, स्टीक, क्रीमी और मूस में होता है। कंसीलर लिक्विड, बाम, क्रीमी और स्टिक फॉर्म में होता है।