14 या 15 नवंबर, कब है भाई दूज? जानिए सही तिथि और अन्य महत्वपूर्ण बातें
भाई दूज एक हिंदू त्योहार है, जो भाई-बहनों के बीच विशेष बंधन का जश्न मनाता है और इसे कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है। आमतौर पर यह त्योहार ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर और नवंबर के बीच आता है। हालांकि, इस बार कई लोग त्योहार की तिथि को लेकर कंफ्यूज हैं कि यह 14 नवंबर को है या 15 नवंबर को? आइए आज हम आपको त्योहार की सही तिथि और अन्य महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
भाई दूज की सही तिथि
इस साल भाई दूज का त्योहार पूरे भारत में 2 दिवसीय मनाया जाएगा, जो भाई-बहनों के बीच विशेष बंधन का प्रतीक है। यह 14 नवंबर और 15 नवंबर, दोनों दिन बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, त्योहार का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर को शुरू होगा और 15 नवंबर तक चलेगा, जिससे भाइयों और बहनों को भाई दूज के पारंपरिक रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को पूरा करने के लिए काफी समय मिलेगा।
त्योहार का शुभ मुहूर्त
भाई दूज ज्यादातर भारत और नेपाल में मनाया जाता है। नेपाल में इसे 'भाई टीका' के नाम से जाना जाता है, जबकि भारत में इसके भाई फोंटा, भाई बिज और भतेरी दित्य जैसे अलग-अलग नाम हैं। साथ ही इसके शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं: भाई दूज का अपराहन समय- 14 नवंबर को दोपहर 01:10 से 03:19 बजे तक है। द्वितीया तिथि प्रारंभ- 14 नवंबर को दोपहर 02:36 बजे से द्वितीया तिथि समाप्त- 15 नवंबर को दोपहर 01:47 बजे तक
भगवान कृष्ण से जुड़ा है यह त्योहार
लोकप्रिय हिंदू व्याख्या यह है कि भगवान श्रीकृष्ण (राक्षस नरकासुर की मृत्यु के बाद) विजयी होकर लौटे और कार्तिक माह के दूसरे दिन अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए। अपने भाई को देखकर बहुत खुश हुई सुभद्रा ने आरती की रस्म अदा करके और टीका लगाकर उनका स्वागत किया। उन्होंने भगवान कृष्ण के ऊपर फूलों की वर्षा की और फिर उन्हें मिठाई भेंट की। बहनें आज भी ऐसे ही पारंपरिक अनुष्ठान करती हैं।
रक्षाबंधन से अलग है भाई दूज
भाई दूज और रक्षा बंधन दोनों को समान रूप से मनाया जाता है, लेकिन दोनों काफी अंतर हैं। भाई दूज पर बहनें अपने भाईयों की लंबी आयु और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। इस दिन बहनें अपने भाईयों को आमंत्रित करती हैं और पारंपरिक आरती के बाद टीका समारोह किया जाता है। हालांकि, रक्षाबंधन के अवसर पर भाई की कलाई में राखी बांधी जाती है।