गणतंत्र दिवस से पहले जान लीजिए भारत के संविधान की 5 खास बातें
क्या है खबर?
भारत के लिए 26 जनवरी एक अहम तारीख है, जिस दिन गणतंत्र दिवस का त्योहार मनाया जाता है। 1950 में इसी दिन भारत के संविधान को अपनाया गया था।
कई ऐसी बातें हैं, जो हमारे देश के संविधान को खास बनाती हैं। इसे हाथों से बनाए गए कागज पर हाथों से ही लिखा गया था और इसके निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर समेत 210 लोगों का योगदान था।
आइए भारत के संविधान की 5 खास बातें जानते हैं।
#1
दुनिया का सबसे लंबा संविधान
भारत का संविधान दुनिया के किसी भी संप्रभु देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसमें 470 से ज्यादा अनुच्छेद हैं और इसे 25 भागों और 12 अनुसूचियों में बांटा गया है।
इसमें सरकार, विधायिका और न्यायपालिका के सभी अधिकारों की जानकारी दी गई है। इसके वर्तमान स्वरूप में 115 संशोधन शामिल हैं।
भारतीय संविधान अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम (UK), कनाडा, जापान, जर्मनी और दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों के संविधान से प्रेरणा लेकर बनाया गया था।
#2
हाथों से लिखा गया था भारतीय संविधान
हमारे देश के संविधान को हाथों से बनाए गए कागज पर हाथों से ही लिखा गया था। प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने इसे इटैलिक शैली में लिखा था।
उन्होंने लिखने के लिए 254 NO.303 पेन-होल्डर निब का उपयोग किया था और लेखन को पूरा करने में 6 महीने लगाए थे।
लिखने के लिए शुल्क की मांग करने के बजाय, उन्होंने संविधान के हर पन्ने पर अपना नाम और अंतिम पन्ने पर अपने दादाजी का नाम लिखने की अनुमति मांगी थी।
#3
संविधान सभा में शामिल थे 210 लोग
9 दिसंबर 1946 को सुबह 11 बजे संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी। इस सभा में कुल 210 सदस्य शामिल थे, जिसमें 15 महिलाएं भी मौजूद थीं।
11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष के तौर पर चुना गया था।
इसके बाद, 13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सभा में संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जो 22 जनवरी 1947 को पारित किया गया था।
#4
खास वजह से चुनी गई थी 26 जनवरी की तारीख
26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करते हुए पूर्ण स्वराज प्रस्ताव की घोषणा की थी।
हालांकि, भारत तब तक स्वतंत्र नहीं हुआ था, लेकिन यह घोषणा स्वतंत्रता की लड़ाई में एक साहसिक कदम थी।
जब 1950 में भारतीय संविधान को अपनाने का समय आया, तो यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी आधिकारिक तौर पर भारत को एक गणतंत्र के रूप में स्थापित करने का दिन होगा।
#5
संविधान को तैयार करने में लगा था 2 साल से अधिक समय
संविधान को तैयार करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे। इसकी मूल प्रतियां संसदीय पुस्तकालय में रखी गई हैं।
इसे हीलियम से भरे बक्से में रखा गया है और नेफथलीन गेंदों के साथ फलालैन कपड़े में लपेटा गया है। आपको बता दें कि हमारे संविधान में चित्रों को शामिल करके कला का प्रदर्शन भी किया गया है।
संविधान के हर पन्ने पर बनी कलाकृति को पूरा करने का काम आचार्य नंदलाल बोस को सौंपा गया था।