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क्यों मनाया जाता है ओणम? जानिए इस त्योहार की सही तिथि और अन्य महत्वपूर्ण बातें

क्यों मनाया जाता है ओणम? जानिए इस त्योहार की सही तिथि और अन्य महत्वपूर्ण बातें

लेखन अंजली
Sep 05, 2024
06:12 am

क्या है खबर?

होली-दिवाली जैसे त्योहार देश के हर हिस्से में लगभग सामान रूप से मनाए जाते हैं, लेकिन कुछ त्योहार सिर्फ किसी-किसी राज्य में ही मनते हैं। ओणम भी ऐसा एक त्योहार है, जो केरल में 10 दिन तक मनाया जाता है। इसके पहले दिन को अथम कहा जाता है, फिर दूसरे को चिथिरा, तीसरा चोडी, चौथा विशाकम, 5वां अनिजम, 6वां थ्रीकेट्टा, 7वां मूलम, 8वां पूरदम, 9वां उथ्राडोम और 10वां दिन थिरुवोणम होता है। आइए इस त्योहार को मनाने का कारण जानें।

तिथि

कब है ओणम?

इस साल ओणम का त्योहार 6 सितंबर से शुरू होगा, जबकि इसका समापन 15 सितंबर को है। स्थानीय भाषा में थिरु-ओणम या थिरुवोनम के नाम से भी जाने जाना वाला यह त्योहार फसलों से जुड़ा है। इस समय तक दक्षिण भारत में चाय, इलायची, अदरक और धान जैसी फसलें पककर तैयार हो जाती हैं। इसलिए इस अवसर पर किसान फसलों की सुरक्षा और इच्छाओं की पूर्ति के लिए ओणम के दिन श्रावण देवता और पुष्पदेवी की पूजा-अर्चना करते हैं।

कारण

यह त्योहार को मनाने के पीछे है एक पौराणिक कहानी

ओणम का त्योहार केरल के राजा महाबली से जुड़ा है। उन्होंने साधना करके कई शक्तियां प्राप्त कीं, जिसके बाद उन्होंने स्वर्ग पर हमला किया और देवराज इंद्र को परास्त करके स्वर्ग पर अपना कब्जा कर लिया। यह देखकर इंद्रदेव की माता अदिति ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की और राजपाठ लौटाने के लिए कहा। कुछ समय बाद अदिति के गर्भ से भगवान विष्णु ने वामन रूप में अवतार लिया और इंद्र का खोया हुआ राजपाठ लौटाने का काम शुरू किया।

भेंट 

वामन ने 3 कदमों की मांग से महाबली को हराया 

स्वर्ग पर अपना अधिकार जमाने के बाद महाबली ने अश्वमेध यज्ञ कराया, जिसमें वामन पहुंचे। महाबली ने वामन का स्वागत करने के बाद उनसे भेंट मांगने के लिए कहा तो वामन ने उनसे 3 कदम मांगे। महाबली ने उनकी मांग स्वीकार कर ली। इसके बाद वामन ने अपने एक कदम से पृथ्वी, दूसरे से आकाश नाप लिया। बचा तीसरा कदम, जिसके लिए महाबली के पास कुछ नहीं बचा था।

प्रजा मिलन

साल में 1 बार पाताल से पृथ्वी पर आते हैं महाबली

जब महाबली के पास वामन के तीसरे कदम के लिए कुछ नहीं बचा तो उन्होंने अपना सिर वामन के आगे झुकाया। वामन ने जैसे ही महाबली के सिर पर रखा तो वो पाताल लोक चले गए, लेकिन इसके बाद महाबली की प्रजा व्याकुल हो गई। महाबली के प्रति प्रजा का प्रेम देखकर भगवान विष्णु ने महाबली को वरदान दिया कि वो साल में 1 बार प्रजा से मिल सकते हैं। वो दिन ओणम का होता है।

तरीका

कैसे मनाया जाता है यह त्योहार? 

नौकादौड़ ओणम की पारंपरिक गतिविधि है, जिसका आयोजन केरल में बड़े ही उमंग और उत्साह के साथ किया जाता है और दुनियाभर से लोग इसे देखने के लिए आते हैं। इसके अतिरिक्त नृत्य, लोकगीत और खेलों का आयोजन किया जाता है और ओणम पर खान-पान की पारंपरिक चीजें बनाई जाती हैं। ओणम के दौरान घरों के आंगन में फूलों के पंखुड़ियों से रंगोली बनाई जाती है, जो प्रतिदिन बड़ी होती जाती है। इसे पूकलम कहा जाता है।