सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद है अंजीर का सेवन, जानें इसके स्वास्थ्यवर्धक लाभ
क्या है खबर?
अंजीर एक ऐसा फल या कहे सूखा मेवा है जो न सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि सेहत के लिए बेहद गुणकारी साबित हो सकता है। इसका सेवन कई शारीरिक समस्याओं से जल्द राहत दिलाने में बेहद सहायक साबित होता है।
यह फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और अनसैचुरेटेड फैट का बेहतरीन स्रोत है। यही कारण है कि इसको स्वस्थ आहार की श्रेणी में शामिल किया जाता है।
आइये अंजीर के फायदों के बारे में जानते हैं।
#1
पाचन तंत्र को दुरूस्त रखने का काम करता है अंजीर
पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए पाचन तंत्र को दुरूस्त बनाए रखना जरूरी है जो अंजीर के सेवन से संभव है।
दरअसल, अंजीर में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो शरीर में लैक्टिक एसिड का उत्पादन बढ़ाकर पाचन शक्ति को बेहतर करने का काम करता है।
पाचन तंत्र को बेहतर करने के लिए दो-तीन अंजीर को रातभर के लिए पानी में भिगोकर रख दें और अगली सुबह ऐसे ही या फिर शहद के साथ खाएं।
#2
हृदय के स्वास्थ्य के लिए बेस्ट है अंजीर का सेवन
हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अंजीर का सेवन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
कई अध्ययनों के मुताबिक, अंजीर में मौजूद अनसैचुरेटेड फैटी एसिड कोरोनरी रोग (हृदय संबंधित समस्या) को रोकने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।
इसके अलावा अनसैचुरेटेड फैटी एसिड शरीर में कोलेस्ट्रॉल के जमाव को रोक सकते हैं। इन्हें रोकने में सक्षम होने के कारण ही अंजीर का सेवन हृदय को स्वस्थ रखने में लाभकारी माना जाता है।
#3
वजन नियंत्रित करने में सहायक है अंजीर
आजकल कई लोग ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं जिससे उनका वजन बढ़ना आम बात है। लेकिन बढ़ता वजन कई बीमारियों का कारण बन जाता है।
ऐसे में जरूरी है कि आप शुरू से ही वजन पर ध्यान दें। इस काम में अंजीर आपकी मदद कर सकता है क्योंकि इसमें फाइबर मौजूद होता है।
इसके सेवन से पेट काफी देर तक भरा-भरा रहता है जिससे कुछ और खाने की इच्छा कम होती है और वजन घट सकता है।
#4
गर्भवती महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी है अंजीर
गर्भवती महिलाओं के लिए अंजीर का सेवन अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिला को अधिक मात्रा में ऊर्जा और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जो कि अंजीर में प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं।
इतना ही नहीं इसमें पाया जाने वाला आयरन और नियासिन (विटामिन बी-3) गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक जरूरी होता है।
बता दें इनकी कमी से गर्भवती को एनीमिया का खतरा हो सकता है।