खुशी का हार्मोन डोपामाइन विस्तृत के बजाय भेजता है सटीक मस्तिष्क संकेत, अध्ययन में हुआ खुलासा
क्या है खबर?
डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो मस्तिष्क में पाया जाने वाला एक रासायनिक संदेशवाहक है। यह मस्तिष्क के विभिन्न कार्यों में अहम भूमिका निभाता है और प्रेरणा, मनोदशा, ध्यान, स्मृति और सीखने के लिए जिम्मेदार होता है। इसे खुशी का हार्मोन भी कहा जाता है, क्योंकि यह खुशनुमा पलों में सक्रीय होता है। इससे जुड़ा एक नया अध्ययन बताता है कि डोपामाइन विस्तृत के बजाय सटीक मस्तिष्क संकेत भेजता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
अध्ययन
कहां हुआ था यह अध्ययन
यह अध्ययन कोलोराडो विश्वविद्यालय के एंशुट्ज मेडिकल कैंपस में किया गया है, जिसका नेतृत्व प्रोफेसर क्रिस्टोफर फोर्ड ने किया था। इसने दशकों से चली आ रही तंत्रिका विज्ञान की धारणा को पलट दिया है। इसके जरिए सामने आया है कि डोपामाइन मस्तिष्क में सटीकता के साथ संचार करता है। अब तक माना जाता था कि यह न्यूरोट्रांसमीटर व्यापक संकेत भेजने में सक्षम होता है। हालांकि, अब सामने आए नतीजों से सभी को चौका दिया है।
प्रक्रिया
डोपामाइन कैसे भेजता है संकेत
इस अध्ययन को साइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित भी किया गया था। इसमें पाया गया है कि डोपामाइन एक सुव्यवस्थित डाक सेवा की तरह काम करता है। यह विशिष्ट तंत्रिका कोशिका शाखाओं तक सटीक समय पर सटीक संदेश पहुंचाने का काम करता है। उन्नत माइक्रोस्कोपी तकनीकों का उपयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि डोपामाइन को संकेन्द्रित हॉटस्पॉट में छोड़ा जाता है, जो मस्तिष्क कोशिकाओं में लक्षित प्रतिक्रियाओं को सक्षम बनाता है।
संकेत
निर्णय लेने में भी मदद करती है यह प्रणाली
यह संकेत प्रणाली डोपामाइन को व्यक्तिगत तंत्रिका समूहों को ठीक करने और निर्णय लेने व सीखने जैसे जटिल व्यवहारों को व्यवस्थित करने में मदद करती है। क्रिस्टोफर ने कहा, "हमारे वर्तमान शोध में पाया गया है कि मस्तिष्क में डोपामाइन का संकेतन और संचरण हमारे विचार से कहीं अधिक जटिल है। हमारा शोध यह समझने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है कि कैसे सभी अलग-अलग व्यवहारों को डोपामाइन द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।"
रोग
डोपामाइन प्रणाली बिगड़ने से होती हैं ये परेशानियां
डोपामाइन प्रणाली के बिगड़ने से दिमाग से जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इनमें पार्किंसंस रोग, व्यसन, सिजोफ्रेनिया, ADHD और अवसाद शामिल हैं। वर्तमान उपचार मुख्य रूप से डोपामाइन के स्तर को बहाल करने पर केंद्रित है। हालांकि, यह शोध बताता है कि डोपामाइन संकेतन की सटीकता भी उतनी ही महत्वपूर्ण हो सकती है। यह समझने के लिए और अधिक शोध की जरूरत है कि डोपामाइन संकेतन में ये विशिष्ट परिवर्तन मानसिक रोगों को कैसे प्रभावित करते हैं।