रक्त परीक्षण के जरिए सामने आ सकते हैं अल्जाइमर रोग के शुरुआती लक्षण, अध्ययन में खुलासा
क्या है खबर?
अल्जाइमर एक न्यूरोडिजेनेरेटिव रोग है, जिसके कारण दिमाग की कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचता है और सोचने की क्षमता धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है।
यह बीमारी मुख्य रूप से 65 साल या उससे ज्यादा आयु वाले लोगों को प्रभावित करती है। हाल ही में एक अध्ययन किया गया है, जो अल्जाइमर के इलाज में मददगार साबित हो सकता है।
इसके जरिए सामने आया है कि रक्त परीक्षण की मदद से इस रोग के शुरुआती लक्षण पहचाने जा सकते हैं।
अध्ययन
अमेरिका के चिकित्सालय में किया गया यह अध्ययन
अमेरिका के मेयो चिकित्सालय के विशेषज्ञों ने मिलकर इस अध्ययन को पूरा किया है और इसे 'अल्जाइमर और डिमेंशिया जर्नल' नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
शोध के मुताबिक, अल्जाइमर रोग के लिए एक नए तरीका का रक्त परीक्षण तैयार किया गया है, जो लोगों में इसके शुरुआती लक्षणों का सटीक तरीके से पता लगा सकता है।
यह रक्त परीक्षण रक्त प्लाज्मा में 2 प्रोटीन की जांच करके अल्जाइमर का निदान करने में सहायक हो सकता है।
परीक्षण
पूरी तरह से कारगर है यह रक्त परीक्षण
शोधकर्ताओं ने पाया कि यह रक्त परीक्षण पूरी तरह कारगर है और इसकी संवेदनशीलता 95 प्रतिशत है।
इसका मतलब यह है कि यह उन लोगों की पहचान करने में सक्षम है, जिन्हें चीजें याद रखने में मुश्किल होती है और जिनकी याददाश्त धीरे-धीरे कमजोर हो रही होती है।
इस परीक्षण की मदद लेकर रोगियों में अल्जाइमर के शुरूआती लक्षणों को पहचाना जा सकता है, जैसे कि सोचने की क्षमता का प्रभावित होना या समस्याओं का समाधान न ढूंढ पाना आदि।
प्रोटीन
500 लोग बने थे इस अध्ययन का हिस्सा
इस अध्ययन में एक स्मृति चिकित्सालय के 500 से ज्यादा मरीज शामिल थे। रक्त परीक्षण के जरिए जिन 2 प्रोटीन की जांच की जाती है, उनका नाम है एमिलॉयड बीटा 42/40 और पी-टाउ217।
ये दोनों ही एमिलॉयड प्लाक निर्माण से जुड़े होते हैं, जो अल्जाइमर रोग होने का मुख्य कारण होता है।
इस परीक्षण को अमेरिका के 'खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियामक' ने मंजूरी भी दे दी है, क्योंकि यह लोगों को अल्जाइमर के खतरे से बचा सकता है।
नतीजे
पी-टाउ217 का बढ़ा हुआ स्तर देता है अल्जाइमर के संकेत
डॉ ग्रेग डे ने अध्ययन का नेतृत्व किया और वह इसके लेखक भी हैं। उन्होंने कहा, "हमारे अध्ययन में पाया गया कि रक्त परीक्षण ने अल्जाइमर रोग के निदान की पुष्टि 95 प्रतिशत संवेदनशीलता और 82 प्रतिशत विशिष्टता के साथ की।"
अध्ययन से सामने आया कि अल्जाइमर वाले मरीजों में पी-टाउ217 का स्तर स्वस्थ लोगों की तुलना में ज्यादा था।
इस शोध का अगला चरण उन रागियों में बीमारी की पहचान करना था, जिनमें कोई संज्ञानात्मक लक्षण नहीं दिखाई देते।
फायदे
अल्जाइमर के इलाज में भी मददगार रहेगा यह रक्त परीक्षण
इस अध्ययन के जरिए स्वास्थ्य उद्योग में सकारात्मक बदलाव आएंगे और अल्जाइमर का निदान व इलाज करना आसान हो जाएगा।
इस रक्त परीक्षण की मदद से अन्य प्रकार के मनोभ्रंश वाले लोगों की भी जांच की गई थी। इससे पता चला कि यह परीक्षण विभिन्न संज्ञानात्मक रोगों के बीच अंतर करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
आप इस डाइट का पालन करके भी अल्जाइमर बीमारी से बच सकते हैं।