हेयर स्ट्रेटनिंग बनाम हेयर स्मूदनिंग: जानिए इनमें अंतर, नुकसान और देखभाल से जुड़ी टिप्स
लहराते और घुंघराले बाल देखने में अच्छे लगते हैं, लेकिन उनकी सार-संभाल करना थोड़ा मुश्किल होता है। इसके उलट सीधे बालों की सार-संभाल रखना आसान होता है। ऐसे में महिलाएं घुंघराले बालों के लिए हेयर स्ट्रेटनिंग या फिर हेयर स्मूदनिंग का सहारा लेती हैं। भले ही दोनों प्रक्रियाओं में बाल सीधे होते हैं, लेकिन इनमें कई चीजों का अंतर होता है। आइए हम आपको हेयर स्ट्रेटनिंग और हेयर स्मूदनिंग के बीच का अंतर और नुकसान सहित अन्य जानकारी बताते हैं।
हेयर स्ट्रेटनिंग क्या है?
हेयर स्ट्रेटनिंग दो प्रकार (अस्थायी और स्थायी) की होती है। अस्थायी हेयर स्ट्रेटनिंग के लिए हीट स्टाइलिंग टूल्स जैसे हॉट आयरन या हॉट कॉम्ब्स का इस्तेमाल किया जाता है। इन टूल्स के इस्तेमाल से आपके बाल कुछ घंटे के लिए एकदम सीधे रहते हैं और जब आप बालों को धोते हैं तो ये अपनी प्राकृतिक बनावट में वापस आ जाते हैं। जबकि स्थायी हेयर स्ट्रेटनिंग के लिए बालों पर रसायनिक हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है।
हेयर स्मूदनिंग से क्या समझते हैं आप?
हेयर स्मूदनिंग भी बालों को सीधा करने वाली प्रक्रिया है जिसमें बालों पर सबसे पहले फॉर्मलडिहाइड के घोल का लगाकर सुखाया जाता है और फिर बालों को एक सीधी स्थिति में लॉक करने के लिए एक फ्लैट आयरन का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इसमें बालों को सीधा करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन उतने मजबूत नहीं होते जितने कि बालों को सीधा करने के उपचार में होते हैं। यही वजह है कि हेयर स्मूदनिंग कम हानिकारक है।
हेयर स्ट्रेटनिंग और हेयर स्मूदनिंग के नुकसान
हेयर स्ट्रेटनिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हीट स्टाइलिंग टूल्स से बालों के जलने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसलिए इसे चुनने से पहले बालों पर हीट प्रोक्टेंट क्रीम जरूर लगाएं। हेयर स्ट्रेटनिंग के आम दुष्प्रभावों में रूसी आना, बालों का झड़ना, बालों का पतला, कमजोर होना, बालों का सफेद होना और दोमुंहे बाल आदि शामिल है। हेयर स्मूदनिंग के लिए फॉर्मलाडेहाइड का इस्तेमाल होता है। इससे आंखों में जलन, चक्कर आना और उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं।
हेयर स्ट्रेटनिंग और हेयर स्मूदनिंग वाले बालों का ध्यान ऐसे रखें
अपने सीधे बालों को ठीक रखने के लिए सिलिकॉन हेयर केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें। इससे बाल मुलायम बने रहते हैं। समय-समय पर अपने बालों और स्कैल्प की तेल मालिश करें। एक अध्ययन के अनुसार, नारियल का तेल क्षतिग्रस्त बालों में प्रोटीन की कमी को ठीक कर सकता है। अपने बालों को हाइड्रेट और मजबूत करने के लिए लीव-इन कंडीशनर और हेयर मास्क का इस्तेमाल करें। पहले कुछ हफ्तों तक अपने बालों पर हीट स्टाइलिंग टूल्स का उपयोग सीमित करें।
इनमें से किसका चयन करें?
इन दोनों प्रक्रियाओं के अपने फायदे और नुकसान हैं। इनमें से भले ही आप किसी को चुनें, इसे अनुभवी हेयरड्रेसर द्वारा ही करवाएं। ध्यान रखें कि बालों की बनावट और संरचना को बनाए रखने के लिए दोनों प्रक्रियाओं को नियमित रखरखाव की आवश्यकता होती है।