मांसपेशियों की मजबूती के लिए गाय से बेहतर होता है बकरी का दूध, अध्ययन में खुलासा
क्या है खबर?
भारत में ज्यादातर लोग गाय का दूध पीना पसंद करते हैं, जो कई पोषक तत्वों का भंडार होता है। यह प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम, विटामिन-B12 और विटामिन-D का अच्छा स्रोत होता है। देश में गाय के दूध की तुलना में बकरी के दूध की खपत काफी कम है। हालांकि, एक नए अध्ययन से सामने आया है कि मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए बकरी का दूध गाय से ज्यादा फायदेमंद होता है। आइए इसका कारण जानते हैं।
अध्ययन
चीन के शोधकर्ताओं ने किया अध्ययन
इस अध्ययन को 'फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन' नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। यह शोध चीन में किया गया है, जिसका नेतृत्व मेंग सन और टोंग वू नामक शोधकर्ताओं ने किया है। बीजिंग नगर पालिका के प्राकृतिक विज्ञान फाउंडेशन और चीन के राष्ट्रीय प्रमुख अनुसंधान और विकास कार्यक्रम ने इसके लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई है। इसके जरिए यह पता लगाने की कोशिश की गई थी कि 4 प्रकार के डेयरी उत्पाद मांसपेशियों पर क्या असर डालते हैं।
डेयरी
डेयरी उत्पादों का दैनिक सेवन मांसपेशियों को बनाता है मजबूत
अध्ययन से पता चला कि डेयरी उत्पादों का सेवन करने से मांसपेशियों की सूजन कम हुई और मांसपेशी फाइबर की अखंडता में सुधार हुआ। इससे पता चलता है कि डेयरी उत्पादों का दैनिक सेवन सूजन को नियंत्रित करके मांसपेशियों के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। हालांकि, डेयरी उत्पादों के प्रकार के आधार पर प्रभाव काफी भिन्न नजर आए। इस अध्ययन को इंसानों पर नहीं, बल्कि चूहों पर किया गया था।
प्रक्रिया
चूहों को 6 समूहों में किया गया था विभाजित
इस अध्ययन के जरिए मांसपेशियों की मजबूती, सूजन और माइटोकॉन्ड्रियल कार्य पर 4 प्रकार के डेयरी उत्पादों के सेवन के प्रभावों की जांच की गई। इसमें 8 महीने के नर चूहे शामिल थे, जिन्हें 6 समूहों में बांटा गया था। ये NC (सामान्य नियंत्रण), SOP (सार्कोपेनिया नियंत्रण), GWM (बकरी का दूध), GLM (बकरी का कम वसा वाला दूध), GFM (बकरी का फोर्टिफाइड विटामिन D और कैल्शियम वाला दूध) और BWM (गाय का दूध) थे।
जांच
किस तरह पूरी की गई जांच?
NC समूह को 8 हफ्तों तक पेट के अंदर 5 मिली ग्राम सलाइन दिया गया। वहीं, सभी अन्य समूहों को सार्कोपेनिया को प्रेरित करने के लिए उसी अवधि तक डेक्सामेथासोन दिया गया। सार्कोपेनिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें उम्र के साथ मांसपेशियों का द्रव्यमान, शक्ति और कार्यक्षमता कम हो जाती है। चूहों की पकड़ की ताकत, वजन, अस्थि खनिज घनत्व, ऑटोफैगी, मांसपेशी आकारिकी, चयापचय, सूजन और आंत माइक्रोबियल स्वास्थ्य पर नजर रखी गई थी।
नतीजे
बकरी का दूध साबित हुआ सबसे फायदेमंद
अध्ययन की शुरुआत में सभी सार्कोपेनिया चूहों की पकड़ की शक्ति और वजन कम था। डेयरी उत्पादों ने उनका वजन बढ़ाया, लेकिन सभी परेशानियों को पूरी तरह दूर नहीं किया। केवल बकरी के दूध वाले उत्पादों ने वसा को महत्वपूर्ण रूप से कम किया। सामने आया कि विटामिन-D और कैल्शियम से समृद्ध कम वसा वाला बकरी का दूध सूजन को कम करके और मांसपेशियों की मजबूती में सहायता करके सार्कोपेनिया को रोकने में मदद कर सकता है।