Gen Z तकिए में चिल्लाकर दूर करती है अपना तनाव, जानिए क्या है यह स्क्रीम थेरेपी
क्या है खबर?
कई बार हम इतने परेशान होते हैं कि बस किसी तरह भावनाओं को व्यक्त कर देना चाहते हैं।
हालांकि, ऐसे समय में अगर हम किसी से बात करते हैं तो भावनाएं गुस्से के रूप में बाहर आती हैं और संबंध खराब होते हैं।
ऐसे में तनाव, चिंता और गुस्से से बचने का Gen Z ने एक नया तरीका खोज निकाला है। दरअसल, इन दिनों इस जनरेशन के लोग अपने तकिए में चिलाते हैं, ताकि वे बेहतर महसूस कर सकें।
स्क्रीम थेरेपी
क्या होती है स्क्रीम थेरेपी?
स्क्रीम थेरेपी मनोचिकित्सा का एक रूप है, जहां रोगियों को भावनाओं को बाहर निकालने और आघात को दूर करने के लिए चीखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
तकिए में मुंह छुपाकर चिल्लाने के इस ट्रेंड को स्क्रीम थेरेपी नाम दिया गया है। गुस्सा और चिड़चिड़ापन निकालने के लिए केवल Gen Z ही नहीं, बल्कि कई जनरेशन ऐसा करती आई हैं।
हालांकि, इन दिनों इसकी चर्चा सोशल मीडिया पर ज्यादा हो रही है।
फायदे
क्या तकिए में चिल्लाना वाकई फायदेमंद होता है?
चाहे आप काम के तनाव से जूझ रहे हों या रिश्तों की उलझनों से परेशान हों, स्क्रीम थेरेपी आपको राहत पहुंचा सकता है।
जब हम तनाव, गुस्से या परेशानी में होते हैं, तो चीखना ऊर्जा को बाहर निकालने में मदद करता है। ऐसा करने से मन शांत होता है और गुस्सा बिना किसी का दिल दुखाए निकल जाता है।
अगर आपके पास कोई भावनात्मक समर्थन न हो तो ऐसा करना मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत अच्छा हो सकता है।
तकिया
बाजार में मिलने लगे हैं खास 'स्क्रीम पिलो'
जबसे इंटरनेट पर यह ट्रेंड वायरल हो रहा है, तभी से कंपनियां भी इसके जरिए मुनाफा कमाने की कोशिश में लग गई हैं।
सभी कंपनियां विशेष रूप से डिजाइन की गई 'स्क्रीम पिलो' बना रही हैं, जिन्हें द शाउटलेट, येल पिलो, जॉली एंड गुड और स्क्रीम कैचर पिलो कहा जाता है।
इनकी कीमत 2000 रुपये से 3500 रुपये तक होती है। ये तकिए ध्वनि-रोधी सामग्री से बने होते हैं, ताकि आपके चिल्लाने की आवाज कमरे से बाहर न जाए।
अस्थायी
क्या यह एक अस्थायी उपचार है?
तकिए में चिल्लाने के कई फायदे तो होते हैं। हालांकि, देखा जाए तो ये सभी फायदे अस्थायी होते हैं।
इससे कॉर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन में अस्थायी गिरावट आ सकती है और भावनात्मक तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
हालांकि, यह थेरेपी लंबे समय तक आराम नहीं दिला सकती, न ही मानसिक विकारों का उपचार कर सकती है।
अगर आपको मानसिक स्वास्थ्य सही करना है तो ध्यान लगाने या मनोवैज्ञानिक मदद लेने की कोशिश करें।