दिल को स्वस्थ रखने के लिए ये योगासन हैं जरूरी, अभ्यास के लिए देखें वीडियो
मनुष्य के लिए योग किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि यह बिना किसी दुष्प्रभाव के शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसी वजह से दिल को रोग से मुक्त रखने के लिए योग आपको सहायता प्रदान कर सकता है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके नियमित अभ्यास से आप हृदय रोगों से निजात पा सकते हैं व हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं। आइए जानें।
ताड़ासन
दोनों पैरों की एड़ियों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं, फिर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाते हुए ऊपर उठाएं। अब शरीर का भार पंजों पर डालते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें। कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें। अब सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आएं और कुछ मिनट तक आसन दोहराएं। यह हृदय गति में सुधार और ब्लड प्रेशर में संतुलन बनाएं रखता है।
वृक्षासन
दोनों पैरों को आपस में जोड़कर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं, फिर शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की मदद से बायां तलवा, दायीं जांघ पर रख दें। अब अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की अवस्था में आ जाएं। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहकर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम देकर आसन को दोहराएं। वृक्षासन के अभ्यास से हृदय गति और सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में सुधार होता है।
वीरभद्रासन
पैरों को तीन-चार फीट की दूरी तक फैलाकर खड़े हो जाएं और हाथों को शरीर से ऊपर ले जाकर आपस में जोड़ लें। फिर दाएं पैर को 90 डिग्री तक घुमाएं, फिर शरीर को दाईं तरफ घुमाकर गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं, शरीर को कुछ सेंकड आराम देने के बाद आसन को दोहराएं। इससे हृदय से जुड़े हुए कई जोखिम कारक नष्ट होते हैं।
उत्कटासन
दोनों पैरों के बीच में लगभग एक फीट की जगह बनाते हुए अपने हाथों को कंधे के समांतर आगे की ओर सीधा करें। फिर धीरे-धीरे अपने घुटनों के सहारे नीचे आएं, अब घुटनों के सहारे कुर्सी का आकार लेकर उसी स्थिति में रुकने की कोशिश करें। इस अवस्था में रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें व कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहने के बाद सामान्य हो जाएं और आसन को दोहराएं। इससे अच्छे कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोत्तरी होती है।
भुजंगासन
इस आसन के अभ्यास के लिए अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों पर दबाव डालते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, उठाने की कोशिश करें। पांच बार सांस लें और आराम करें, फिर से आसान को दोहराएं। भुजंगासन के नियमित अभ्यास से हृदय मजबूत बनता है। साथ ही यह आसन रीढ़ को लचीला व मजबूत बनाने के साथ-साथ पीठ दर्द से भी राहत दिलाता है।