सूंघने और मुंह के स्वाद में बदलाव लग रहा हो तो इन घरेलू नुस्खों को अपनाएं
गंध और स्वाद इंद्रियां आपस में जुड़ी होती हैं जिनमें उम्र के अनुसार बदलाव आ सकता है और आपको गंध या स्वाद में बदलाव या कमी का अनुभव हो सकता है। ऐसा सामान्य तौर पर सर्दी लगने, सांस संबंधी समस्या होने या विटामिन की कमी के कारण होता है। खैर वजह जो भी हो भविष्य में इनके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए आप हमारे द्वारा बताए गए घरेलू नुस्खे अपना सकते हैं जो जल्द असरदार सिद्ध हो सकते हैं।
अरंडी के तेल का करें इस्तेमाल
अरंडी के तेल एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है। इस वजह से अरंडी के तेल को नोजल ड्राप के रूप में इस्तेमाल करने से सर्दी या फ्लू से जुड़ी सूजन और सूजन के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। इस प्रकार सूंघने और स्वाद की इंद्रिया फिर सक्रिय हो सकती हैं। दिन में एक बार और रात में एक बार अरंड़ी के तेल की एक-एक बूंद अपनी दोनों नाक की नलियों में डालें।
लहसुन का करें सेवन
लहसुन भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है जो बंद नाक को खोलकर ठंड और फ्लू के लक्षणों को खत्म करने का काम करता है। साथ ही सूंघने और स्वाद को पहचाने की क्षमता को बेहतर करने में मदद करता है। बस एक कप पानी में बारीक कटे हुई लहसुन की दो-तीन कलियां डालें और कुछ मिनट तक पानी को उबलने दें। अब पानी को छान लें और हल्का ठंडा होने पर चाय की तरह पिएं।
लाल मिर्च का करें सेवन
लाल मिर्च आपके खोए हुए स्वाद और गंध को वापस लाने में मदद कर सकती है क्योंकि इसमें कैप्साइसिन होता है। कैप्साइसिन को बंद नाक को साफ करने के लिए जाना जाता है। नाक में किसी भी प्रकार का अवरोध सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता को बाधित कर सकता है। रोजाना दिन में कम से कम एक बार एक कप गर्म पानी में एक चम्मच लाल मिर्च और एक चम्मच शहद मिलाकर उसे आराम से पिएं।
दालचीनी का जल्द दिखेगा असर
दालचीनी को मीठी गंध के साथ-साथ अपने मजबूत स्वाद के लिए भी जाना जाता है। दालचीनी की ये दोनों खूबियां आपकी सूंघने और स्वाद की इंद्रियों को सक्रिय करने में मदद करती हैं। इसलिए आधा चम्मच दालचीनी पाउडर को एक चम्मच शहद के साथ मिलाएं। फिर इस पेस्ट को अपनी जीभ पर लगाएं और इसे लगभग 10 मिनट के लिए छोड़ दें। यकीन मानिए इससे जल्द ही आपको असर महसूस होगा।