दही खाने से हो सकता है पेट का कैंसर कम, अध्ययन में किया गया दावा
क्या है खबर?
कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, जो कोशिकाओं के अनियंत्रित रूप से बढ़ने और विभाजित होती पर होती है। यह बीमारी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है और इसके कई प्रकार होते हैं।
इनमें से एक है कोलन कैंसर यानि पेट का कैंसर, जो बड़ी आंत को प्रभावित करता है। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि दही खाने से पेट के कैंसर का इलाज किया जा सकता है।
आइए इसके विषय में जानते हैं।
अध्ययन
दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया कोलन कैंसर को करते हैं खत्म
यह अध्ययन हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के पीएचडी डॉ. टोमोताका उगाई द्वारा किया गया था।
यह अध्ययन अमेरिका के 2 अन्य अध्ययनों पर आधारित था, जिनका नाम नर्सेस हेल्थ स्टडी (NHS) और हेल्थ प्रोफेशनल्स फॉलो-अप स्टडी (HPSF) है।
अध्ययन में पाया गया कि दही में बिफिडोबैक्टीरियम नामक लाभदायक बैक्टीरिया की उच्च मात्रा पाई जाती है। यह बैक्टीरिया कोलन कैंसर को खत्म करने में मदद कर सकता है।
इससे पता चलता है कि दही में कैंसर से लड़ने की क्षमता होती है।
शोध
दही खाने वाले लोगों में कम होती है कैंसर की दर
यह अध्ययन 1.32 लाख स्वास्थ्य पेशेवरों के डाटा का विश्लेषण करके किया गया था। इसके लिए मास जनरल ब्रिघम के शोधकर्ताओं ने 3 दशकों में 1,50,000 लोगों से उनकी जीवनशैली और बीमारियों से जुड़े सवाल पूछे थे।
शोध के दौरान सादी और फिलवर वाली दही के सेवन के बारे में भी सवाल किए गए थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग सप्ताह में 2 या अधिक बार दही खाते हैं, उनमें कोलन कैंसर की दर कम होती है।
प्रॉक्सिमल
प्रॉक्सिमल कोलन कैंसर के मरीजों को जरूर खानी चाहिए दही
अध्ययन में पाया गया कि दही प्रॉक्सिमल कोलन (कोलन का दाहिना भाग) को कैंसर से सबसे अधिक सुरक्षित रखता है, जो छोटी आंत और बड़ी आंत के मिलने के स्थान पर स्थित होता है।
इस अंग के स्थान के कारण इसमें होने वाले कैंसर की पहचान करना मुश्किल होता है और यह तेजी से फैलता भी है।
यह देखा गया है कि प्रॉक्सिमल कोलन कैंसर से पीड़ित लोगों में अन्य लोगों की तुलना में मृत्यु का खतरा अधिक होता है।
टोमोटाका
दूध पीने से भी हो सकता है कोलन कैंसर का इलाज
इस अध्ययन के लेखक डॉ. टोमोटाका ने एक बयान में कहा, "यह लंबे समय से माना जाता रहा है कि दही और अन्य फर्मेन्टेड डेयरी उत्पाद पेट के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। हमारे नए निष्कर्ष बताते हैं कि इसके सुरक्षात्मक प्रभाव कोलन कैंसर के खिलाफ असरदार हो सकते हैं।"
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक शोध के मुताबिक, रोजाना एक गिलास दूध पीने से भी कोलन कैंसर का खतरे कम हो सकता है।