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अचानक कार्डियक अरेस्ट आने का जोखिम कम कर सकता है फलों का सेवन, अध्ययन में खुलासा
कार्डियक अरेस्ट से बचा सकते हैं फल

अचानक कार्डियक अरेस्ट आने का जोखिम कम कर सकता है फलों का सेवन, अध्ययन में खुलासा

लेखन अंजली
Apr 29, 2025
06:55 pm

क्या है खबर?

दुनिया भर में हर साल लाखों लोग अचानक कार्डियक अरेस्ट आने के बाद मर जाते हैं। बता दें कि कार्डियक अरेस्ट इलेक्ट्रिकल समस्या है, जिसमें अचानक से हृदय काम करना बंद कर देता है इसे लेकर हाल ही में एक नया अध्ययन सामने आया है, जिसके अनुसार अधिक फल खाना, वजन को नियंत्रित रखना और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट के जोखिम कम करने में मदद कर सकता है।

अध्ययन

अध्ययन के लिए इन कारकों पर दिया गया ध्यान

कैनेडियन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन ने अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट से जुड़े 56 नॉन-क्लिनिकली जोखिम कारकों की पहचान की, जिसमें जीवनशैली, शारीरिक स्थिति, मनोसामाजिक कारक, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और स्थानीय वातावरण शामिल हैं। इन कारकों से अध्ययन के शोधकर्ताओं ने पाया कि इन चीजों पर ध्यान देने से बड़ी संख्या में अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट के मामलों को बढ़ने से रोका जा सकता है।

सुरक्षा

इन चीजों को कार्डियक अरेस्ट के जोखिम कम करने में माना गया सहयोगी

शोधकर्ताओं के अनुसार, फलों का अधिक सेवन, सकारात्मक मूड बनाए रखना, वजन प्रबंधन, रक्तचाप नियंत्रण और बेहतर शिक्षा जैसे कारक अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट के खिलाफ महत्वपूर्ण सुरक्षात्मक कारक के तौर पर काम कर सकते हैं। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि सभी 56 जोखिम कारकों को ध्यान में रखते हुए अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट के 46 प्रतिशत से लेकर 63 प्रतिशत मामले कम हो सकते हैं।

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बयान

5 लाख लोगों पर किया गया अध्ययन- रेनजी

अध्ययन के शोधकर्ताओं में से एक फुडान विश्वविद्यालय के रेनजी चेन ने कहा, "हमारे ज्ञान के अनुसार यह पहला अध्ययन है, जिसने नॉन-क्लिनिकली परिवर्तनीय जोखिम कारकों और अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट की घटना के बीच संबंधों की जांच की है। हम इसके निष्कर्ष जानकर हैरान थे।" उन्होंने आगे बताया कि शोधकर्ताओं ने यूनाइटेड किंगडम (UK) के बायोबैंक के डेटा का इस्तेमाल करके 5 लाख से अधिक लोगों पर अध्ययन किया।

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सलाह

स्वस्थ जीवनशैली ही बीमारी से बचा सकती है- ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन

ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन का कहना है कि पहले कार्डियक अरेस्ट और अन्य हृदय संबंधित बीमारियों को बढ़ती उम्र के साथ जोड़ते थे, लेकिन अब यह युवाओं में आम हो गई है और इसका सबसे बड़ा कारण अनुवांशिकता हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि जीवनशैली में बदलाव करने से अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट के जोखिम कम हो सकते हैं। इनमें संतुलित आहार खाना, डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाएं लेना समेत शारीरिक रूप से सक्रिय रहना शामिल हैं।

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