खुद को बाल खींचने से नहीं रोक पाते? इस मानसिक विकार का हो सकता है संकेत
जो आदत आपको अजीब लगती है, वह वास्तव में एक विकार का संकेत हो सकती है। ऐसी ही एक स्थिति है जबरदस्ती बाल खींचना, जिसे ट्राइकोटिलोमेनिया भी कहा जाता है। इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति को स्कैल्प, पलक, आईब्रो, हाथों और पैरों से अपने बाल खींचने की तेज इच्छा महसूस होती है। अमेरिकी अभिनेत्री एमी शूमर भी इस स्थिति का सामना कर रही हैं। आइए आज हम आपको इस विकार से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
ट्राइकोटिलोमेनिया क्या है?
ट्राइकोटिलोमेनिया एक मानसिक विकार है, लेकिन इसके होने का कारण अभी तक स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए आनुवंशिकी और पर्यावरणीय कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। ट्राइकोटिलोमेनिया से पीड़ित लोगों को चिंता, तनाव और अवसाद जैसी अन्य मानसिक स्थितियों से भी यह विकार हो सकता है।
ट्राइकोटिलोमेनिया के लक्षण
ट्राइकोटिलोमेनिया से ग्रस्त लोगों में बार-बार बाल खींचने के अलावा यह लक्षण भी दिखाई देते हैं: 1) खुद को बाल खींचने से रोकने पर अधिक तनाव महसूस होना और इस कारण सिरदर्द की समस्या होना 2) बालों को जोर-जोर से खींचने के बाद खुशी महसूस होना 3) बाल खींचने के कारण सामाजिक और व्यावसायिक जीवन में परेशानी होना 4) बाल खींचने पर सिर पर जगह-जगह गंजेपन के धब्बे पड़ना
ट्राइकोटिलोमेनिया का पता कैसे लगाया जा सकता है?
आपको ट्राइकोटिलोमेनिया है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हो सकता है कि वह आपको मनोचिकित्सक के पास भेजे, जो कुछ शारीरिक जांच के बाद आपको इसके बारे में बता सकता है। मनोचिकित्सक आपसे ट्राइकोटिलोमेनिया के लक्षणों के बारे में पूछ सकता है कि वे आपको महसूस हो रहे हैं या नहीं। इसके अतिरिक्त वह आपको CT स्कैन कराने की भी सलाह दे सकता है।
ट्राइकोटिलोमेनिया का इलाज
इस मानसिक विकार को रोकने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन लक्षणों का पता चलते ही इलाज में मदद मिल सकती है। ट्राइकोटिलोमेनिया से पीड़ित लोगों के लिए कई तरह की थेरेपी उपलब्ध हैं, जिसमें से संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT) सबसे ज्यादा असरदार मानी जाती है। इसके अतिरिक्त डॉक्टर आपको कुछ दवा खाने के लिए भी कह सकते हैं, जो आपकी बाल खींचने की इच्छा को कम कर सकती हैं।